इस्लामाबाद (एजेंसी). दुनिया का ठंडा रुख देखकर पाकिस्तान को अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंता लगातार सताने लगी है। अब पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने कहा है कि अफगानिस्तान को लेकर दुनिया की इंतजार करो और देखो की नीति सही नहीं है। इससे ये देश गहरे आर्थिक संकट में फंस जाएगा। इसके साथ ही यूसुफ ने दुनिया को अलकायदा और आईएस का भी डर दिखाने की कोशिश की। डॉन में छपी खबर के मुताबिक, मोईद ने कहा कि अगर दुनिया बातचीत में यकीन रखी है तो उन्हें अफगानिस्तान की नई सरकार से बात करनी चाहिए। बिना बातचीत किए वैसा कुछ भी संभव नहीं हो पाएगा जैसा कि दुनिया तालिबान से चाहती है।
पाक एनएसए ने कहा कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने से वह आतंकियों के लिए स्वर्ग बन जाएगा। अफगानिस्तान में पहले से आईएस मौजूद है, पाकिस्तानी तालिबान और अल कायदा भी है। सुरक्षा को लेकर खतरा क्यों मोल लेना चाहिए?
मोईद का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब अधिकतर विशेषज्ञों और कई देशों का मानना है कि अफगानिस्तान के हालात के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। पाकिस्तान हर तरीके से तालिबान की मदद कर रहा है।

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता देना शुरू कर दिया है। लेकिन सियासी तौर पर तालिबान सरकार को अभी तक मान्यता देने का संकेत नहीं दिया है। अधिकतर इंतजार करो और देखो की नीति पर चल रहे हैं।
इन दिनों पाकिस्तान से ज्यादा तालिबान की बात करने वाले यूसुफ ने कहा कि अफगानिस्तान को अकेला छोड़ देने पर यह भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन सकता है। पाकिस्तान ने इससे पहले इसी महीने खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को काबुल भेजा था।
बता दें कि करीब महीने पहले मोईद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर दुनिया ने अफगानिस्तान की मदद नहीं की तो एक बार फिर 9-11 जैसी आतंकी घटना हो सकती है। इसे लेकर विवाद हुआ था और उनकी जमकर किरकिरी हुई थी जिसके बाद पाकिस्तान की तरफ से सफाई दी गई कि उअफगानिस्तान: दुनिया का ठंडा रुख देख पाक घबराया, दिखाया अलकायदा और आईएस का डर
इस्लामाबाद (एजेंसी)। दुनिया का ठंडा रुख देखकर पाकिस्तान को अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंता लगातार सताने लगी है। अब पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने कहा है कि अफगानिस्तान को लेकर दुनिया की इंतजार करो और देखो की नीति सही नहीं है। इससे ये देश गहरे आर्थिक संकट में फंस जाएगा। इसके साथ ही यूसुफ ने दुनिया को अलकायदा और आईएस का भी डर दिखाने की कोशिश की।
डॉन में छपी खबर के मुताबिक, मोईद ने कहा कि अगर दुनिया बातचीत में यकीन रखी है तो उन्हें अफगानिस्तान की नई सरकार से बात करनी चाहिए। बिना बातचीत किए वैसा कुछ भी संभव नहीं हो पाएगा जैसा कि दुनिया तालिबान से चाहती है।
पाक एनएसए ने कहा कि अफगानिस्तान को अलग-थलग करने से वह आतंकियों के लिए स्वर्ग बन जाएगा। अफगानिस्तान में पहले से आईएस मौजूद है, पाकिस्तानी तालिबान और अल कायदा भी है। सुरक्षा को लेकर खतरा क्यों मोल लेना चाहिए?
मोईद का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब अधिकतर विशेषज्ञों और कई देशों का मानना है कि अफगानिस्तान के हालात के पीछे पाकिस्तान का ही हाथ है। पाकिस्तान हर तरीके से तालिबान की मदद कर रहा है।
बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता देना शुरू कर दिया है। लेकिन सियासी तौर पर तालिबान सरकार को अभी तक मान्यता देने का संकेत नहीं दिया है। अधिकतर इंतजार करो और देखो की नीति पर चल रहे हैं।
इन दिनों पाकिस्तान से ज्यादा तालिबान की बात करने वाले यूसुफ ने कहा कि अफगानिस्तान को अकेला छोड़ देने पर यह भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन सकता है। पाकिस्तान ने इससे पहले इसी महीने खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को काबुल भेजा था।
बता दें कि मोईद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर दुनिया ने अफगानिस्तान की मदद नहीं की तो एक बार फिर 9-11 जैसी आतंकी घटना हो सकती है। इसे लेकर विवाद हुआ था और उनकी जमकर किरकिरी हुई थी जिसके बाद पाकिस्तान की तरफ से सफाई दी गई कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। नके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।




