, अहमदाबाद (एजेंसी)। गुजरात में नेतृत्व में बदलाव के बाद आज यानी बुधवार को होने वाला कैबिनेट का विस्तार फिलहाल टाल दिया गया है। सूत्रों की मानें तो कैबिनेट विस्तार करने से पहले पार्टी में अंदरूनी कलह की बातें भी सामने आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि भूपेंद्र पटेल पूरे मंत्रिमंडल में बदलाव चाहते हैं, जिसे लेकर पार्टी के कई नेता नाखुश बताए जा रहे हैं और इसी वजह से पहले मंत्रियों का शपथग्रहण दोपहर में होना था, जिसे अब कल दोपहर तक के लिए टाल दिया गया है। गुजरात मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बताया गया कि सीएम भूपेश पटेल की नई कैबिनेट कल यानी 16 सिंतबर को दोपहर डेढ़ बजे होगी। कार्यक्रम गांधीनगर स्थित राजभवन में होगा।
The swearing-in ceremony of the new cabinet of CM Shri @Bhupendrapbjp will take place tomorrow, September 16, 2021 at 1.30 pm at Raj Bhavan, Gandhinagar. pic.twitter.com/86PJIWP1vd
— CMO Gujarat (@CMOGuj) September 15, 2021
रूपाणी, नितिन पटेल समेत कई नेता नाराज
जानकारी के अनुसार भूपेंद्र पटेल के इस फैसले से पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, मौजूदा डिप्टी सीएम नितिन पटेल और मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा नाराज बताए जा रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि डिप्टी सीएम नितिन पटेल को केवल मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, जिससे पार्टी में आपसी टकराव बढऩे की संभावना बताई जा रही है।
लगभग सभी मंत्रियों को हटाने पर विचार, रूपाणी के घर पहुंचे कई विधायक
भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 90 फीसदी से अधिक मंत्रियों को हटाने पर विचार किया जा रहा है। सिर्फ एक या दो मंत्री ऐसे होंगे जिनको दोबारा मंत्री बनाया जाएगा। इसको लेकर अब पार्टी के अंदर ही तनातनी शुरू हो गई है। कई विधायक पूर्व सीएम रूपाणी के घर पहुंच रहे हैं। इनमें ईश्वर पटेल, ईश्वर परमार, बचु खाबड़, वासण आहीर, योगेश पटेल शामिल हैं।

गुजरात के नए मंत्री आज लेंगे शपथ : भाजपा प्रवक्ता
वहीं पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता यमल व्यास ने बताया कि नए मंत्रियों के नाम अभी घोषित नहीं हुए हैं, ये मंत्री राजधानी गांधीनगर में दोपहर दो बजे के बाद शपथ लेंगे।
कुछ इस तरह से हो सकता है मंत्रिमंडल
ऐसी अटकलें हैं कि पटेल अपने मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल करेंगे और कई पुराने नेताओं को युवा नेताओं के लिए जगह खाली करनी पड़ सकती है। साथ ही कई महिलाओं को भी जगह मिल सकती है। जातीय समीकरण को बिठाने के साथ अच्छी छवि के नेताओं को मंत्रिमंडल में खास तवज्जो दिए जाने की रणनीति है।




