काबुल (एजेंसी)। आतंकवाद के खिलाफ 20 साल तक चली अमेरिका की लड़ाई आखिरकार खत्म हो गई है। तालीबान द्वारा दिए गए डेडलाइन से पहले ही अमेरिका ने अपना अभियान समाप्त कर दिया। अमेरिका की अफगानिस्तान में लड़ाई ऐसी थी, जैसे अंधेरे में तीर चलाना। करोड़ों डॉलर का खर्च, कई हजार सैनिकों की जान गंवाने के बाद अब वह खौफनाक मंजर अमेरिका के लिए बीती बात हो गई है।
इस अभियान के खत्म होने के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का बयान आया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आतंक के खिलाफ युद्ध में 2,461 अमेरिकी सैनिकों ने अपनी जान गंवाई। इसके अलावा भी हमने बहुत कुछ ऐसा सहन किया, जिसको बयां कर पाना नामुमकिन है।

आतंक के खिलाफ हम कड़ी मेहनत करेंगे
लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि आतंक के खिलाफ हमने कई लड़ाईयां लड़ी हैं। हमारे लिए अमेरिकी नागरिक सबसे पहले हैं। दुनिया में उनको आतंक से बचाने के लिए हम कुछ भी करने को तैयार हैं। आगे कहा कि हम आतंक के खिलाफ कड़ी मेहनत करेंगे और आतंक को जड़ से खत्म करके रहेंगे।

छह हजार अमेरिकी समेत 1 लाख 23 हजार लोगों को निकाला
अभियान खत्म होने के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि हमने तालिबान के खतरे के बीच अपने छह हजार नागरिकों को अफगानिस्तान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। कुल 1,23,000 लोगों को बाहर निकाला गया है, जिसमें अफगानी व अन्य लोग भी शामिल हैं।
तालीबान बोला: दुनिया भर के हमलावरों के लिए एक सीख है अमेरिका की हार
अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ते ही तालिबान ने आक्रामक तेवर अपना लिए हैं। अमेरिकी सैनिकों की वापसी को लेकर तालिबान ने कहा है कि यह दुनिया भर के लिए संदेश है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अमेरिका की हार दूसरे आक्रांताओं के लिए एक बड़ी सीख है। इसके अलावा यह हमारी भविष्य की पीढिय़ों के लिए भी एक संदेश है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कुछ घंटों के बाद ही यह तालिबान का यह बयान है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए संकेत है।