भिलाई। हाईकमान के सामने हुई कुर्सी दौड़ में भले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जीत दर्ज कर ली हो, किन्तु स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव मैदान छोडऩे के मूड़ में नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने वेटिंग गेम के जरिए मैदान में बने रहने के संकेत दिए हैं। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरान दोनों गुटों की ओर से जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। कुर्सी को लेकर चल रही रस्साकसी आने वाले दिनों में थमती नहीं दिख रही।
सीएम भूपेश बघेल के समर्थक मान रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान का आशीर्वाद और समर्थन उनके साथ है। माना जाता है कि भूपेश बघेल राज्य में ओबीसी के बड़े नेता है। उन्होंने भाजपा के खिलाफ जमकर संघर्ष किया था। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का खेमा अभी भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। उनका ताल्लुक राजघराने से है और वे प्रदेश के सबसे प्रभावशाली नेताओं में शुमार किए जाते हैं। माना जाता है कि राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी में भूपेश बघेल के बाद उनकी सबसे बड़ी भूमिका है। दोनों नेता दावा कर रहे हैं कि उन्होंने राहुल गांधी से खुलकर बात कह दी है। अब कांग्रेस आलाकमान का जो भी फैसला होगा, उसे स्वीकार किया जाएगा। ऐसे में राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ में संभावित प्रवास के दौरान दोनों तरफ से शक्ति प्रदर्शन की संभावना बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ में बस्तर से लेकर सरगुजा तक इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।
राहुल को पॉवर दिखाने की तैयारी
भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बयानों के आधार पर राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि अब सब कुछ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के छत्तीसगढ़ के आगामी दौरे पर निर्भर है। यही वजह है कि दोनों तरफ से राहुल गांधी को प्रभावित करने की कोशिश शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, दोनों तरफ से राज्य के अलग- अलग क्षेत्रों में सक्रिय लोगों से संपर्क साधा जा रहा है और अपने लोगों को तैयार करने के लिए कहा जा रहा है। ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने अगले सप्ताह छत्तीसगढ़ आने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि एक-दो दिनों में राहुल गांधी का कार्यक्रम जारी हो जाएगा। राहुल गांधी राज्य में दो दिन रुकेंगे और पूरे प्रदेश का दौरा कर सरकार की योजनाओं के कियान्वयन का जायजा लेंगे। साथ ही वे समाज के विभिन्न वर्गों और सरकारी योजना के लाभार्थियों से भी संवाद कर सकते हैं।

बाबा ने कहा- नहीं छोड़ा है दावा
प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कई तरह की खबरें आई, लेकिन बघेल अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे हैं। रायपुर पहुंचने पर मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान सिंहदेव के बयान से यही संकेत मिले। हालांकि सिंहदेव ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ और उन्होंने अपना दावा छोड़ा नहीं है। बातचीत के दौरान सिंहदेव कई बार जोर-जोर से ठहाके लगाते दिखे, लेकिन इस दौरान भी उनके चेहरे पर तात्कालिक हार की टीस झलक रही थी। टीस से ज्यादा वे आहत नजर आए, इस बात से कि मुख्यमंत्री के समर्थक गुट ने आलाकमान के सामने शक्ति प्रदर्शन किया। संख्या बल में वे बघेल के सामने नहीं टिकते, इसका अंदाजा उन्हें खुद भी है। उन्हें उम्मीद थी कि आलाकमान दिसंबर, 2018 में सीएम पद के लिए हुए समझौते की शर्तें मानने के लिए बघेल को मना लेगा, लेकिन शक्ति प्रदर्शन के जरिए बघेल ने भी बता दिया कि वे किसी कीमत पर कुर्सी खाली नहीं करेंगे।
अब परिवर्तन की संभावना नहीं!
सिंहदेव ने हालांकि स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ। आलाकमान को सभी बातों से अवगत कराया गया है और वह समय आने पर फैसला लेगा। उम्होंने यह भी कहा कि जीवन में एकमात्र स्थायी चीज परिवर्तन है। इसलिए मुख्यमंत्री बनने की उनकी संभावनाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। माना यह जा रहा था कि सिंहदेव सीएम पद के लिए अड़े हुए हैं, लेकिन अब यह स्पष्ट होता जा रहा है फिलहाल यह कुर्सी उनसे दूर छिटक गई है। हालांकि, उन्होंने यह इशारा भी दे दिया कि वे हथियार नहीं डालेंगे। सिंहदेव ने संकेत दिए कि वे वेटिंग गेम खेलने को तैयार हैं। यह भी सच है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी सत्ता को 3 वर्ष हो चुके हैं और जो दो वर्ष बाकी है, उसमें से एक वर्ष चुनाव तैयारियों में निकलेगा। ऐसे में अहम् सवाल है कि महज एक वर्ष के लिए हाई हाईकमान सत्ता परिवर्तन करेगा?




