नई दिल्ली (एजेंसी)। ग्राहकों की सुरक्षा के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (क्रक्चढ्ढ) आए दिन कोई न कोई एलान करता रहता है। लेकिन तब भी जालसाज ठगी का कोई न कोई तरीका ढूंढ ही लेते हैं। अब अगले साल यानी जनवरी 2022 देश में पेमेंट से जुड़ा एक अहम नियम बदल सकता है। एक जनवरी से डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर हर बार कार्ड के 16 डिजिट वाले नंबर को डालना होगा। अगले साल से पेमेंट गेटवे कंपनियां आपके कार्ड की जानकारी को सेव नहीं कर सकेंगी। यानी संशोधित नियम भुगतान एग्रीगेटर्स और व्यापारियों, जैसे अमेजन, फ्लिपकार्ट और नेटफ्लिक्स को अपने सर्वर या डाटाबेस पर ग्राहक के कार्ड की जानकारी सेव करने से रोकते हैं।
ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय बैंक की नई नीतियों का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। यह नियम निश्चित रूप से इन सभी की सुविधा को कम कर देगा, लेकिन इस बदलाव का उद्देश्य कार्ड की जानकारी को सुरक्षित करना और यह सुनिश्चित करना है कि भुगतान ऑपरेटर सिस्टम पर डाटा संग्रहीत नहीं कर रहे हैं। मौजूदा सिस्टम से कई बार नियमों का उल्लंघन होता है और इसके साथ ही साइबर फ्रॉड का खतरा भी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्राहक के कार्ड की जानकारी उनके सिस्टम पर ही रह जाती है। यह डिजिटल लेनदेन में विश्वास को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
मौजूदा समय में ये है नियम
मौजूदा समय में जब आर एक बार ऑनलाइन पेमेंट करते हैं, तो आपको दूसरी बार आपको केवल कार्ड वेरीफिकेशन वैल्यू और वन टाइम पासवर्ड ही डालना होता है। इसके बाद पेमेंट हो जाता है। रिपोट्र्स के अनुसार, नए नियमों के मुताबिक डेबिट या क्रेडिट कार्डधारकों को ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए हर बार उनके कार्ड पर दर्ज 16 अंकों का नंबर डालना होगा।
