रायपुर (पीआईबी)। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय, पत्र सूचना कार्यालय रायपुर व क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय बिलासपुर द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव विषयक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. अरुणनाथ दिवाकर वाजपेयी बतौर मुख्य अतिथि वक्ता, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि वक्ता व एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. तरुणधर दीवान बतौर विशेषज्ञ वक्ता शामिल हुए।
मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. अरुणनाथ दिवाकर वाजपेयी ने देश की आजादी के पूर्व के इतिहास की जानकारी देते हुए वर्तमान संदर्भों का उल्लेख करते हुए आजादी के अमृत महोत्सव मनाने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अमृत का मतलब है अनवरत। अमृत महोत्सव मनाने का अर्थ है देश की आजादी को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लेना। उन्होंने देश पर विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण व उसके तत्कालीन दुष्प्रभाव के बारे में बताया। कुलपति प्रो. वाजपेयी ने कहा कि दुनिया के ज्यादातर देश का इतिहास लगभग समकालीन है। भारत का इतिहास लगभग 10 हजार साल पुराना है। सदियों से जो देश अनवरत अपनी आजादी को अक्षुण्ण रखे था उसने विदेशी आक्रमणकारियों के समक्ष भी मजबूती से अपना अस्तित्व बनाए रखा। प्रो. वाजपेयी ने केंद्र की वर्तमान सरकार द्वारा देश में समतामूलक समाज की स्थापना के लिए चलाए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत अभियान, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना आदि ऐसी योजनाएं हैं जिसका रास्ता देश को आर्थिक रूप से और संपन्न करने की ओर जाता है।
इंदिरा गांधी संगीत विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. माण्डवी सिंह ने देश की आजादी में कला एवं संस्कृति के योगदान के बारे में बताया। उन्होंने रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा राष्ट्रगान लिखे जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि कला एवं संस्कृति ने देश की आजादी की लड़ाई को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम समेत देश के विभिन्न विभूतियों व कला के क्षेत्र में उनके योगदान को उल्लेखित किया। उन्होंने कला के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव को मनाने की अपील की।
एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी प्रो. तरुणधर दीवान ने आजादी का अमृत महोत्सव व युवा पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वेबिनार में ज्यादातर युवा प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। सच्चे मायने में युवा वो है जो देश के बारे में सोचे। उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा नैतिक दायित्व बनता है कि हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद रखें।
प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय के प्रमुख शैलेष फाये ने वेबिनार का बीज वक्तव्य दिया व सभी अतिथियों का स्वागत किया। वेबिनार में प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय से संबद्ध सभी कार्यालयों के कार्मिक, गीत व नाटक प्रभाग के कलाकार, एनएसएस, एनवायके, एनसीसी के वॉलेंटियर्स ने हिस्सा लिया। आभार क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार ने माना।