नईदिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने ओलंपिक खेलों में गए भारतीय खिलाडिय़ों को उन्होंने शुभकामनाएं दी और लोगों से ओलंपिक में गए भारतीय दल को प्रोत्साहित करने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि खिलाड़ी चुनौतियों को पार कर पहुंचे हैं। उनका हौसला बढ़ाना जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में तिरंगा देखकर पूरा देश रोमांचित हुआ। पीएम मोदी ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट का नारा भी दिया। साथ ही कहा कि गांधी के भारत छोड़ो अभियान की तर्ज पर देश के लोग भारत जोड़ो अभियान चलाएं।
मन की बात कार्यक्रम के 79वें एपिसोड को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कारगिल युद्ध से लेकर अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के बारे में चर्चा की। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के आखिरी में कहा कि त्योहारों के दौरान हम यह नहीं भूले कि कोरोना हमारे बीच से चला गया है। इस दौरान सभी को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है। पीएम मोदी ने कहा कि आप लोगों से मिला सुझाव ही ‘मन की बातÓ की असली ताकत है। आपके सुझाव ही मन की बात के माध्यम से भारत कि विविधिता को प्रकट करते हैं।
करगिल के वीरों को नमन करें
पीएम ने कहा कि कल यानि 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस भी है। करगिल का युद्ध भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम का प्रतीक है। इस बार ये गौरवशाली दिवस भी अमृत महोत्सव के बीच मनाया जाएगा। इसलिए ये और भी खास हो जाता है मैं चाहूंगा कि आप सभी करगिल के रोमांचित कर देने वाली गाथा जरूर पढ़ें, करगिल के वीरों को हम सब नमन करें।

हमें आजादी के 75 साल होने पर गर्व
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। यह बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 साल होने के हम साक्षी बन रहे हैं। इस बार अमृत महोत्सव पर बड़ा कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कितने ही स्वतंत्रता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें अमृत महोत्सव में देश याद कर रहा है। सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से भी लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अमृत महोत्सव किसी सरकार का, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं है। यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है।
मोदी ने फिर वोकल फॉर लोकल का नारा दोहराया
उन्होंने कहा कि रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे वोकल फॉर लोकल। हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। 7 अगस्त को आने वाला नेशनल हैंडलूम डे, एक ऐसा अवसर है जब हम प्रयास पूर्वक भी ये काम कर सकते हैं । इस दिन के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन, 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरूआत हुई थी। हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है । ये ऐसा क्षेत्र है जिससे लाखों महिलाएं, लाखों बुनकर, लाखों शिल्पी जुड़े हुए हैं। आप स्वयं कुछ-न-कुछ खरीदें, और अपनी बात दूसरों को भी बताएं।




