नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जैसा कि हम अब कोरोना की तीसरी लहर और डेल्टा प्लस वैरिएंट के लिए तैयार हैं, तो ऐसे में ये देखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम क्या कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें आगे बढऩा होगा और ये देखना होगा कि हम कैसे अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को और मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने इस बात का भी जिक्र किया है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए हमें बीते समय में मिले सबक से सीखना होगा।
As we now prepare for the possibility of the third wave & new variants like Delta Plus, it's important to see what we can do. We need to look ahead & see how we can strengthen our public health system, focusing on lessons we've learnt from past: AIIMS Director Dr Randeep Guleria pic.twitter.com/zGPBRVdtJA
— ANI (@ANI) June 28, 2021
स्वास्थ्य प्रणाली को करना होगा दुरुस्त
एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को इसलिए दुरुस्त नहीं करना है, क्योंकि मौजूदा समय में महामारी चल रही है। हमें स्वास्थ्य सुविधाओं पर इसलिए भी ध्यान देना है क्योंकि पिछले 15 सालों ने भविष्य के लिए हमें क्या दिखाया है, हमें महामारी और संक्रमण के लिए पहले से ही खुद को तैयार रखना होगा।
स्वास्थ्य नीति में बदलाव का समय
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर पर लोगों को दवाई और इलाज की सुविधा देने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति को तैयार किया गया है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में भी, जिनको जरूरत है उन्हें बेहतर हेल्थकेयर सुविधाएं देना है। उन्होंने आगे कहा कि इस बदलते समय में, हमें हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुुविधाओं की बात करें, तो आयुष्मान भारत-पीएमजेवाई जैसे कदम से गरीब और पिछले लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगी हैं।

कोविन एप पर अबतक 300 मिलियन से ज्यादा रजिस्ट्रेशन- डॉ. शर्मा
सीआईआई पब्लिक हेल्थ समिट में कोविन प्लेटफॉर्म के प्रमुख और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ डॉक्टर आरएस शर्मा ने कहा कि सिर्फ पांच महीन में ही इस एप पर 300 मिलियन से ज्यादा रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन हो गया है। कोविन एप पर हर शख्स का डाटा सुरक्षित है। आधार कार्ड और यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म बनाने के बाद ही हमें कोविन एप जैसी एप बनाने का अनुभव मिला।
उन्होंने आगे कहा कि कोविन एप को लेकर लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और केंद्रीय एशिया के कम से कम 50 देशों में अपनी रूचि दिखाई है। प्रधानमंत्री ने हमें इस एप के ओवन सोर्स को बनाने की मंजूरी दे दी है और कहा कि जो देश इसे लेना चाहते हैं, उसे मुफ्त में दे सकते हैं। उन्होंने आगे बताया कि हम पांच जुलाई को वैश्विक कॉन्क्लेव करने वाले हैं, जहां हम दुनिया को बताएंगे कि ये सिस्टम कैसे काम करता है और कैसे इसे तैयार किया गया है। कनाडा, मेक्सिको और दूसरे देशों से इस एप में खासा रुचि दिखाई जा रही है।




