भिलाई। जीएसटी के नाम पर केन्द्र सरकार ने पूरे देश में भ्रम फैलाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक देश एक टैक्स का नारा देते हुए जीएसटी लागू की लेकिन पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस जैसी जरूरी सेवा को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा। युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अमित जैन ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अपना खजाना भरने के लिए गरीब जनता के साथ अत्याचार कर रही है। पेट्रोल डीजल व रसोई गैस आज हर घर की जरूरत है और इसे ही केन्द्र सरकार ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। अमित जैन ने मांग की है कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
अमित जैन ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आज देश और देशवासी महंगाई और आर्थिक संकट की दौर से गुजर रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए जिन प्रोटीन वाले भोजन को दिनचर्या में शामिल करना है वो तो बढ़ती महंगाई के कारण भोजन की थाली से गायब सी हो गयी है। ऊपर से पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम ने आम लोगों की बची खुची कमर भी तोड़ रखी है। क्रूड ऑयल का रेट लगातार कम होने के बावजूद भी आज पेट्रोल का रेट 95.90 पैसा डीजल का रेट 95.50 पैसा हो गया है।
अमित जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा आम आदमी की जेब पर लगातार डाका डाला जा रहा है। यदि पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में रखा गया तो केंद्र सरकार अधिक से अधिक 28 फीसदी से ज्यादा का टैक्स देश की जनता से नही ले पायेगी और पेट्रोल डीजल का रेट सीधे लगभग आधा हो जायेगा। वर्तमान में केन्द्र सरकार पेट्रोल व डीजल पर 100 फीसदी से भी ज्याटा टैक्स वसूलती है। अमित जैन ने कहा कि दरअसल केन्द्र सरकार की मंशा ही नहीं है कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर आम लोगों को राहत दे। अमित जैन ने कहा कि जिस महंगाई को डायन कह कर नरेन्द्र मोदी ने सरकार तक का सफर तय किया है आज सरकार में रहते रहते जब पूरा देश महंगाई का विरोध कर रहा है तब भी ये महंगाई पीएम मोदी को इतनी प्रिय हो गयी कि उस पर कुछ भी विचार कर जनता को राहत देने किसी प्रकार का सकारात्मक कदम उठाने को तैयार नहीं है।
एक देश एक टैक्स के नाम पर केन्द्र सरकार ने फैलाया भ्रम… युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अमित जैन ने कहा= पेट्रोलियम पदार्थों को भी लाया जाए जीएसटी के दायरे में




