देहरादून (एजेंसी)। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश से गंगा समेत कई नदियां उफान पर हैं। लगातार बारिश के कारण गंगा पहाड़ से लेकर मैदान तक खतरे के निशान को पार कर गई। हालांकि कुछ इलाकों में शनिवार को बारिश थमने के साथ जलस्तर में कुछ कमी आई, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। बदरी-केदार हाईवे सहित कई संपर्क सड़कें बाधित रहीं। नदी के किनारे बने घाट डूब गए। कई रिहायसी इलाकों को भी खतरा बना हुआ है। कुमाऊं में काली नदी खतरे के निशान के पास बह रही है। टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड समेत तमाम सड़कें बंद हैं। मैदानी क्षेत्रों में जलभराव से मुश्किलें खड़ी हो गईं। देवप्रयाग और श्रीनगर में अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा के ऊफान पर होने से सभी घाट पानी में डूब गए। केदारनाथ धाम में सरस्वती और मंदाकिनी नदी भी ऊफान पर रही। ऋषिकेश में गंगा में पानी बढऩे से त्रिवेणीघाट में आरती स्थल पानी में डूब चुका है। जल पुलिस की अस्थायी चौकी पानी में बह गई है।
कई इलाकों को एहतियातन कराया गया खाली
मेरठ समेत वेस्ट यूपी के गंगा किनारे क्षेत्रों में खतरा बढ़ गया है। मेरठ में हस्तिनापुर के साथ ही खादर के इलाकों को प्रशासन ने एहतियातन खाली करा लिया है। लोगों के गंगा किनारे जाने पर रोक लगा दी गई है। डीएम के साथ अन्य प्रशासनिक और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर जायजा लिया। आपात स्थितियों से निपटने के लिए जनपद में एसडीआरएफ और पीएसी की बाढ़ राहत टीम को तैनात किया गया। बैराज के सभी गेट फ्री कर दिए गए हैं। उधर, यमुना पर भी बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं।
शुक्रवार रात और शनिवार सवेरे हरिद्वार के भीमगोडा बैराज से गंगा में 3 लाख 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। शनिवार सुबह 9 बजे 20 हजार क्यूसेक पानी और बढ़ा दिया गया। इससे गंगा किनारे के इलाकों में पानी भर गया। शुक्रवार रात बिजनौर के गंगा खादर इलाकों में पांच लोग टापू पर फंस गए, जिन्हें रात 2 बजे रेस्क्यू कर निकाला गया। बिजनौर के गंगा तट पर बसे गांव रावली रामसहाय वाला और बालावाली में बाढ़ का पानी भर गया। पुलिस ने गंगा के तटीय इलाकों में अनाउंसमेंट करते हुए लोगों को अलर्ट किया और गंगा की तरफ नहीं जाने की सलाह दी।
खादर में अलर्ट, गंगा की ओर न जाने की मुनादी
गंगा के अचानक बढ़े जलस्तर से प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारियों में अफरातफरी मच गई है। क्षेत्र के लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। समय रहते सुरक्षित स्थान पर जाने की चेतावनी दी गई है। विधायक दिनेश खटीक, डीएम के. बालाजी, एडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति आदि ने खादर क्षेत्र में पहुंच कर जायजा लिया।





