नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) योग्यता प्रमाण पत्र की वैधता अवधि सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कर दी है। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, यह फैसला तत्काल लागू किया जा रहा है। साथ ही केंदीय शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह फैसला 10 साल पहले की तारीख 01 जनवरी, 2011 से लागू किया गया है। यानी की इन सालों में जिनके भी प्रमाण – पत्रों की अवधि पूरी हो चुकी है। वे भी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं के लिए पात्र होंगे। उन्हें बार-बार परीक्षा में भाग लेने की आवयश्कता नहीं रहेगी। केंदीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश उन उम्मीदवारों को नए टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने / जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे, जिनकी सात वर्ष की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
Validity period of Teachers Eligibility Test (TET) qualifying certificate has been extended from 7 years to lifetime with retrospective effect from 2011. https://t.co/8IQD3cwRTz (1/2) pic.twitter.com/EGi5IJ2wNu
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) June 3, 2021
इसकी घोषणा करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार के इस बड़े कदम से शैक्षणिक क्षेत्र में नौकरी करने के इच्छुक उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा। यह एक सुधारवादी कदम हैं। इससे बेरोजगारी में भी कमी आएगी।
बता दें कि शिक्षक पात्रता परीक्षा पद्धति और नियमावली में बदलाव की कवायद लंबे समय से चल रही थी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में बदलाव को लेकर रुपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नवीन प्रावधानों के तहत किए गए हैं। टीईटी (TET) की परीक्षा सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की बहाली से पहले उनकी अर्हता तय करने के लिए ली जाती है।