नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भारत के लिए कठिन परिस्थिति उत्पन्न कर दी। रोज लाखों मामले सामने तो आए ही, अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है। कोरोना से प्रभावितों में वे बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। सबसे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इनकी चिंता की और पांच हजार रुपए पेंशन देने की घोषणा की। कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्यों को निर्देश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना में अनाथ हुए बच्चों की जरूरतों की देखभाल राज्य सरकारें करें। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया कि वह ऐसे बच्चों की शिनाख्त करे, जिन्होंने देशव्यापी लॉकडाउन लगने के बाद या तो अपने माता-पिता या फिर कमाने वाले परिजन को खो दिया है।
CM Uddhav Balasaheb Thackeray in a meeting with Women & child development dept asked them to formulate a policy for children who have lost one or both parents due to #COVID, which must include information on provision for their upbringing & education: CMO Maharashtra
— ANI (@ANI) May 29, 2021
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ऐसे बच्चों को पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ बैठक में उन बच्चों के लिए एक नीति तैयार करने के लिए कहा, जिन्होंने कोरोना के कारण माता-पिता को खो दिया है। ठाकरे ने ऐसे बच्चों की परवरिश और शिक्षा के प्रावधान की चिंता करने की बात कही है।
Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin announces Rs 5 lakh assistance to children who lost both the parents due to #COVID19
— ANI (@ANI) May 29, 2021
बिहार में हर महीने 1000 रुपए देगी सरकार
बिहार सरकार ने उन सभी बच्चों की सहायता करने के लिए आगे आई है, जो कोरोना के कारण अनाथ हो गए हैं। अनाथ हुए सभी बच्चों को सरकार 18 साल के होने तक हर महीने एक हजार रुपये सहायता के तौर पर देगी। यह राशि समाज कल्याण विभाग की तरफ से बच्चों को दी जाएगी। बच्चों को मदद पंहुचाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने सभी जिलाधिकारियो को आवेदन लेने का निर्देश जारी किया है।