गुवाहाटी (एजेंसी)। हमारे का देश का सिस्टम ही अलग है। यहां जिस शख्स पर तमाम आरोप होते हैं, वह खुलेआम घूमता रहता है। वहीं, निर्दोष अक्सर अपनी जिंदगी सलाखों के पीछे बिता देते हैं। ऐसा ही एक मामला असम में सामने आया है। यहां उस आईपीएस अफसर को एक जिले का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बना दिया गया, जिस पर 13 साल के नाबालिग का यौन उत्पीडऩ करने का आरोप है। पहले यह अफसर गुवाहाटी में तैनात था।
31 मार्च को फाइल हुई चार्जशीट
जानकारी के मुताबिक, आईपीएस अफसर के खिलाफ 31 मार्च 2021 को चार्जशीट फाइल की गई थी। इसमें आईपीसी की धारा 354 और 354ए के साथ-साथ पोक्सो एक्ट की धाराओं का उल्लेख था। यह चार्जशीट असम के कामरूप जिले में पोक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश की जा चुकी है।
3 जनवरी को दर्ज हुआ था केस
बता दें कि इस मामले में 3 जनवरी 2020 को केस दर्ज किया गया था, जिसकी पड़ताल असम आपराधिक जांच विभाग ने की थी। असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंता ने कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है। चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। अगर अदालत अफसर को दोषी साबित करती है तो नियमानुसार उसे गिरफ्तार किया जाएगा। जब तक अदालत अपना फैसला नहीं सुना रही, हम उसकी सेवाएं ले सकते हैं।

इस वजह से हुआ अफसर का तबादला
डीजीपी महंता ने बताया कि आईपीएस अफसर के तबादले के आदेश गृह मंत्रालय से मिले हैं। जानकारी के मुताबिक, यौन उत्पीडऩ की यह घटना 31 दिसंबर 2019 के दौरान हुई थी। उस दौरान आरोपी के घर में एक पार्टी थी। इस मामले में 3 जनवरी 2020 को महिला थाने में आरोपी के खिलाफ नाबालिग की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी। बता दें कि पीडि़ता की मां असम पुलिस में वरिष्ठ अधिकारी हैं। हालांकि, यह केस बाद में सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया। चार्जशीट में बताया गया है कि इस घटना के पीडि़ता गंभीर मानसिक स्थिति से गुजर रही है।




