भिलाई। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मो. शाहिद ने फिर एक बार दिल जीत लेने वाला काम किया है। 15 दिन में लगातार दूसरी बार प्लाज्मा डोनेट कर कोरोना मरीज की जान बचाई है। शाहिद के पास कॉल आया कि रायपुर के एक मरीज को प्लाज्मा चाहिए। शाहिद ने मरीज की जान बचाने के लिए जरा भी देर नहीं की और निकल पड़े प्लाज्मा डोनेट करने। आशीर्वाद ब्लड बैंक के सूरज साहू ने पूरा प्रोसेस कराया और प्लाज्मा लिया। इससे पहले मो शाहिद ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी के बुलावे पर अपने साथ संदीप वोरा के साथ दिल्ली जाकर प्लाज्मा डोनेट किया था।
मो. शाहिद के इस काम की सराहना फिर से देशभर में हो रही है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने ट्वीट कर शाहिद की पीठ थपथपाई है। शाहिद की फोटो और वीडियो शेयर करते हुए युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने लिखा- हमारे युवा साथी मो. शाहिद ने आज 15 दिनों में दूसरी बार ‘प्लाज्मा दान कर एक और जान बचाने का प्रयास किया। पिछली बार दिल्ली आकर प्लाज्मा दिया, इस बार छत्तीसगढ़ में ये फर्ज निभाया। राहुल गांधी के इन्हें कर्मठ सिपाहियों की बदौलत #SOSIYC अब तक हजारों जान बचाने में कामयाब रही है।
जो कोरोना से उभर चुके हैं वे करें प्लाज्मा डोनेट
भिलाई के युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद शाहिद ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि, यूथ कांग्रेस की ओर से देशभर में #SOSIYC कैंपेन चलाया जा रहा है। इसके जरिए लोगों को दवाईयां, बेड के साथ साथ प्लाज्मा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। शाहिद ने देशवासियों से एक-दूसरे से मदद की अपील की है। एक व्यक्ति तीन बार प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं वो प्लाज्मा डोनेट जरूर करें। शाहिद ने कहा, एंटीबॉडी छह महीने तक एक व्यक्ति में रहती है। और वह तीन बार प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। हमने अपने सभी कार्यकर्ताओ और युवा लोगो से यहीं अपील करते है, कि इसमें ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करनी चाहिए। अगर किसी ओर को जरूरत पड़ेगी तो प्लाज्मा डोनेट करेंगे। हमने अपने सभी युवा कार्यकर्ताओं से यही अपील की है कि प्लाज्मा डोनेट करने से किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है। इसलिए अपनी जिंदगी के साथ-साथ दूसरों की जिंदगी बचाने की पहल करें।
क्या है प्लाज्मा डोनेशन और कौन कर सकता है
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर तरुन भटनागर के मुताबिक, प्लाज्मा खून का एक हिस्सा होता है। इसे डोनेट करने से कोई कमजोरी नहीं आती है। यह बिल्कुल ब्लड डोनेशन जैसा है। 18 से 60 साल के ऐसे लोग जो कोरोना से उबर चुके हैं। रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। 14 दिन तक कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं, वो डोनेट कर सकता है। जिनका वजन 50 किलो से कम है वे प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते। गर्भधारण कर चुकी महिलाएं, कैंसर, गुर्दे, डायबिटीज, हृदय रोग फेफड़े और लिवर रोग से पीडि़त लोग प्लाज्मा दान नहीं कर सकते।
कोरोना मरीजों में कैसे काम करती है प्लाज्मा थैरेपी
ऐसे मरीज जो हाल ही में बीमारी से उबरे हैं उनके शरीर में मौजूद इम्यून सिस्टम ऐसे एंटीबॉडीज बनाता है जो ताउम्र रहते हैं और इस वायरस से लडऩे में समर्थ हैं। ये एंटीबॉडीज ब्लड प्लाज्मा में मौजूद रहते हैं। इनके ब्लड से प्लाज्मा लेकर संक्रमित मरीजों में चढ़ाया जाता है। इसे प्लाज्मा थैरेपी कहते हैं। ऐसा होने के बाद संक्रमित मरीज का शरीर तब तब तक रोगों से लडऩे की क्षमता यानी एंटीबॉडी बढ़ाता है जब तक उसका शरीर खुद ये तैयार करने के लायक न बन जाए।
कोरोना संक्रमण के बीच युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मो शाहीद का सराहनीय कार्य: 15 दिनों के भीतर दूसरी बार किया प्लाज्मा डोनेट




