नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जहां अस्पतालों के बिस्तर कम पडऩे लगे हैं। वहीं दिल्ली में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सात घंटे में राजधानी के पांच अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद भी जब कोरोना मरीज को बेड नहीं मिल सका तो एंबुलेंस ने उसे बीच रास्ते में ही छोड़ दिया। मरीज की पत्नी और बेटी काफी मिन्नतें करते रहे लेकिन एंबुलेंसकर्मी के अनुसार, एक ही मरीज को इतना वक्त नहीं दिया जा सकता। इसी दौरान सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार अलेडिय़ा ने जब एंबुलेंसकर्मी से घटना के बारे में जानकारी ली तो उन्हें पता चला कि मरीज कई दिन से भर्ती होने के लिए चक्कर लगा रहा है।
सुनील कुमार ने बताया कि दिल्ली के शाहपुर जाट निवासी जसपाल 14 अप्रैल को संक्रमित मिले थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बीते शनिवार दोपहर जब वे कश्मीरी गेट पर थे उस दौरान उन्होंने देखा कि एक महिला एंबुलेंसकर्मी अभय के आगे रो रही थी और मरीज एंबुलेंस में था।
उन्होंने बातचीत की तो पता चला कि सर्वेसरी के पति जसपाल कोरोना संक्रमित हैं। उनके साथ बेटी ललिता भी थी। एंबुलेंसकर्मी ने बताया कि सुबह से पांच अस्पताल के चक्कर लगा चुके हैं। संजय गांधी, जीटीबी, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी, लोकनायक और सुल्तानपुरी स्थित कोविड केयर सेंटर में मरीज को भर्ती नहीं किया।
इसके बाद एंबुलेंस लेकर वे कश्मीरी गेट तक पहुंचे तो उन्होंने इसलिए रोक दिया क्योंकि एक मरीज को इतना वक्त नहीं दिया जा सकता। एंबुलेंसकर्मी का कहना था कि अब मरीज को वहीं ले जा सकते हैं जहां बेड खाली हो। इसलिए पहले बेड का पता कर लो, उसके बाद ही एंबुलेंस को लेकर जाएंगें।
सुनील कुमार ने बताया कि एंबुलेंस दिल्ली कैट्स की थी और कर्मचारी ने उन्हें बताया कि जब तक वे अस्पताल में मरीज को नहीं छोड़ सकते तब तक उनकी ड्यूटी भी खत्म नहीं होगी। ऐसे में अंबेडकर नगर स्थित अस्पताल में जब उन्होंने फोन लगाया तो वहां नोडल अधिकारी हिमांशु ने मरीज को भर्ती करने पर सहमति जताई जिसके बाद शनिवार देर शाम मरीज को भर्ती किया गया।
यह पूरी घटना वीडियो में भी कैद हुई जोकि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जसपाल की बेटी ललिता ने बताया कि अगर उस वक्त अंबेडकर नगर अस्पताल में बात नहीं हुई होती तो उनके पिता को वापस घर लाना पड़ता जोकि उनके लिए काफी गंभीर हो चुका था।
हर दिन धक्के खा रहे मरीजों को लेकरएंबुलेंसकर्मी अभय ने बताया कि रविवार को ही उन्होंने एक मरीज को आरके पुरम स्थित सेक्टर आठ से लिया था। मरीज को एम्स ले गए लेकिन वहां भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद सफदरजंग और फिर अंबेडकर नगर अस्पताल लेकर गए लेकिन वहां भी मरीज भर्ती नहीं हुआ। अभय ने बताया कि इस समय हर दिन उन्हें एक मरीज को भर्ती कराने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं।




