नई दिल्ली/रायपुर (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के जमीन लीज घोटाले की सीबीआई और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय यानी (एसएफआईओ) से जांच की मांग कर रहे अमित चंद्राकर को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया है। चंद्राकर ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की केंद्रीय जांच एजेंसियों से जांच कराने का आदेश देने का आग्रह किया था।
चंद्राकर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों, चुनिंदा बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों ने लीज पर ली गई सरकारी जमीनों को फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंकों में गिरवी रखकर लोन ले लिया। जस्टिस नवीन सिन्हा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने चंद्राकर को कहा कि वे यह मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ले जाएं। इसके साथ ही उन्हें याचिका वापस लेने को कहा। कांग्रेस नेता चंद्राकर ने अपने वकील अश्वनी कुमार दुबे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बता दें, चंद्राकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्व. चंदूलाल चंद्राकर के पोते हैं। चंदूलाल चंद्राकर को छत्तीसगढ़ का गांधी कहा जाता था। उन्होंने समाज के निचले तबके के लोगों के लिए और छत्तीसगढ़ के गठन के लिए उम्रभर संघर्ष किया।
चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल का मामला
याचिका में कहा गया है कि आरोपियों ने भिलाई नगर निगम सीमा में स्थित चंदूलाल चंद्राकर स्मृति अस्पताल प्रालि की जमीन को लेकर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, वित्तीय अनियमितता व सरकारी लीज की जमीन का दुरुपयोग कर बड़ा घोटाला किया है। लीज दस्तावेज की शर्तों के अनुसार इस जमीन को गिरवी रखकर लोन नहीं लिया जा सकता। इसके बावजूद आरोपियों ने करोड़ों रुपये का लोन लेकर धन की हेराफेरी की। इसके बाद बैंक ने कर्ज वसूली के लिए अस्पताल की संपत्ति की नीलामी का नोटिस दिया, लेकिन भिलाई नगर निगम मूकदर्शक बना रहा। जबकि उसके समक्ष लीज शर्तों के उल्लंघन को लेकर कई बार शिकायतें की गई थीं।





