नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कृषि क्षेत्र में बजट का कार्यान्वयन पर वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि लगातार बढ़ते हुए कृषि उत्पादन के बीच, 21वीं सदी में भारत को पोस्ट हार्वेस्ट क्रांति या फिर फूड प्रोसेसिंग क्रांति की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए बहुत अच्छा होता अगर ये काम दो-तीन दशक पहले ही कर लिया गया होता।
ग्रामीण किसानों को स्टोरेज का सुविधा मिले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमें कृषि के हर सेक्टर में हर खाद्यान्न, फल, सब्जी, मत्स्य सभी में प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना है। इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले। खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी।
कृषि-उद्योग कलस्टर की संख्या बढ़ानी होगी
प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में आगे कहा कि हमें देश के कृषि क्षेत्र का, प्रोसेस्ड फूड के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा। हमें गांव के पास ही कृषि-उद्योग कलस्टर की संख्या बढ़ानी ही होगी ताकि गांव के लोगों को गांव में ही खेती से जुड़े रोजगार मिल सकें।

किसान रेल के जरिए परिवहन पर 50 फीसदी सब्सिडी
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमने कृषि उद्योग को मदद करने के लिए 11,000 करोड़ रुपये की योजनाएं और पीएलआई स्कीम निकाली। इसके अलावा खाने और बनाने को तैयार समुद्री खाना और दूसरे खाने की चीजों का प्रचार किया। पीएम मोदी ने आगे कहा कि ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत किसान रेल के लिए सभी फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। किसान रेल भी आज देश के कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी है।
करोड़ों किसानों को दिए सॉइल हेल्थ कार्ड
बजट संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि खेती से जुड़ा एक और अहम पहलू सॉइल टेस्टिंग का है। बीते सालों में केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। अब हमें देश में सॉइल हेल्थ कार्ड की टेस्टिंग की सुविधा गांव-गांव तक पहुंचानी है।
कृषि क्षेत्र में निजी सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को लेकर ज्यादातर योगदान सार्वजनिक क्षेत्र का ही है। अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े। हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहे।
कोरोना के बाद मोटे अनाज की लोकप्रियता बढ़ी – पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मोटे अनाज के लिए भारत की एक बड़ी जमीन बहुत उपयोगी है। मोटे अनाज की मांग पहले ही दुनिया में बहुत अधिक थी, अब कोरोना के बाद ये इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में बहुत प्रसिद्ध हो चुका है। इस तरफ किसानों को प्रोत्साहित कराना भी फूड इंडस्ट्री के साथियों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसके अलावा हमारे यहां कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग लंबे समय से किसी न किसी रूप में की जा रही है। हमारी कोशिश होनी चाहिए की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग सिर्फ व्यापार बनकर न रहे। बल्कि उस जमीन के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी हम निभाएं।
बीज-बाजार, लोन, खाद किसान की प्राथमिक जरूरत
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि किसानों को ऋण, बीज और बाजार, खाद ये किसान की प्राथमिक जरूरत है, जो उसे समय पर चाहिए। बीते वर्षों में किसान क्रेडिट कार्ड छोटे से छोटे किसानों तक, पशुपालकों से लेकर मछुआरों तक इसका दायरा बढ़ाया है।




