नईदिल्ली (एजेंसी)। सरकार ने डिजिटल न्यूज मीडिया को भी कानून के दायरे में ला दिया है। इस वजह से अब यह भी ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की तरह तीन-स्तरीय निगरानी व्यवस्था में आएंगे। इन्हें प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की कोड, टीवी चैनलों के प्रोग्राम कोड, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स स्टैडर्ड अथॉरिटी के नियमों और आईटी एक्ट की तरह ही नियमों का पालन करना होगा। इनके खिलाफ हुई शिकायतों को पत्रकारिता की नैतिकता के आधार पर जांचा जाएगा। यानी गलत खबरें और किसी की छवि खराब करने पर डिजिटल मीडिया प्रकाशक पर भी कानूनी कार्रवाई होगी।
सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री रविशंकरर प्रसाद ने कहा कि न्यूज मीडिया की स्वतंत्रता असीमित है, लेकिन उसे जवाबदेह बनान जरूरी है। उन्हें भी अकबारों और टीवी चैनलों की तरह ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मिली हुई है, इसके साथ मिलने वाली जिम्मेदारियां भी निभानी चाहिए। जिस प्रकार अभी गलती करने पर टीवी चैनल माफी मांगते हुए स्क्रॉल दिखाते हैं, वैसा ही ओटीटी और डिजिटल न्यूज मीडिया के लिए भी किया जा सकता है। साथ ही पहले से तय कानून के दायरे में आने पर उनके खिलाफ दंड का भी प्रावधान होगा। वहीं, प्रकाश सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार को नहीं पता कि देश में कितने डिजिटल न्यूज मीडिया हैं। नई गाइडलाइन आने के बाद उम्मीद है कि इनकी गणना हो सकेगी।
देश में सोशल मीडिया व ओटीटी का गणित
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता परोसने के आरोप लग रहे हैं। संसद में भी ओटीटी को लेकर 50 सवाल पूछे गए। पिछले साल मार्च से जुलाई के बीच सबसे ज्यादा 30 फीसदी बढ़ोतरी हुई। भारत में उपयोग कर्ताओं की बात करें तो यूट्यूब पर 53 करोड़, फेसबुक 44 करोड़, इंस्टाग्राम पर 21 करोड़ और ट्विटर के 1.75 करोड़ यूजर्स हैं। वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म में हॉट स्टार के 1.86 करोड़, अमेजन प्राइम के 58.3 लाख, नेटफ्लिक्स के 30.8 करोड़, जी5 के 27 लाख, सोनी लिव के 18.1 लाख व वूट सलेक्ट के 5.6 लाख यूजर्स हैं।