इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान में आईएसआईएस के आतंकवादियों द्वारा हजारा मुस्लिम समुदाय के 11 लोगों की हत्या करने के बाद वहां प्रदर्शन का माहौल है। इन मृतकों के परिवारजन रविवार से ही क्वेटा के वेस्टर्न बाइपास इलाके में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ शवों को रखकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने इस्लाम के नाम पर इन लोगों की हत्या की थी लेकिन अब इसी समुदाय के लोग पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने ही देश में खुद के धर्म वालों के ऊपर अत्याचार को लेकर घेरा जाता रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हजारा मुसलमानों पर आईएसआईएस के हमले को भारत से जोड़ दिया है। दो दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनका पड़ोसी देश पाकिस्तान में सांप्रदायिक हिंसा भड़का रहा है।
इमरान ने कहा कि मैं आपके दुख में आपका साझेदार हूं और आपकी पीड़ा को बांटने के लिए पहले भी आगे आया था। उन्होंने आगे कहा कि मैं श्रद्धांजलि देने और मृतक के परिवारों को सांत्वना देने फिर जल्द ही आऊंगा। बता दें कि पाकिस्तान में सुन्नी मुसलमान बहुसंख्यक हैं।
ये बहुसंख्यक अहमदिया और हजारा जैसे अपने ही देश के अल्पसंख्यकों का विरोध करते हैं। पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान में भी तालिबान के शासन के दौरान हजारा समुदाय के मुसलमानों पर काफी जुर्म किए गए थे। तालिबान के आतंकवादी ना सिर्फ हजारा मुसलमानों को गोली मारते थे बल्कि उनकी महिलाओं के साथ बहुत बुरा व्यवहार करते थे।
कौन हैं हजारा ?
हजारा समुदाय पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बसने वाली शिया मुसलमानों की एक कौम है। हजारा फारसी, मंगोलियाई और तुर्क वंश का एक अफगान जातीय अल्पसंख्यक समूह है। इन्हें मंगोल शासक चंगेज खान का वंशज भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मंगोल सेना में हजार सैनिकों का एक दस्ता तैयार किया जाता था, इसलिए ऐसा संभव है कि हजारा शब्द की उत्पत्ति वहीं से हुई है।
ऐसा बताया जाता है कि तालिबान के आतंकवादियों ने लाखों हजारा लोगों का नरसंहार किया है। आज अफगानिस्तान में लगभग 30 लाख हजारा मुसलमान रहते हैं। जो पश्तून और ताजिकों के बाद तीसरी सबसे बड़ी उपजाति है। वहीं पाकिस्तान में इनकी जनसंख्या 15 लाख के करीब है।