नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस से लडऩे के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने बड़ा एलान किया है। डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। ऐसे में एक साथ दो टीकों को मंजूरी देने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। ये वैक्सीन देश के नागरिकों को दी जाएगी।
इससे पहले एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने इन दोनों वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दी और इसके इस्तेमाल की अनुमति के लिए डीसीजीआई से सिफारिश की थी, जिस पर आज मुहर लग गई है। एक्सपर्ट कमेटी ने दो वैक्सीन के बारे में जानकारी दी। अब देश में कोविशील्ड और कोवैैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। इन दोनों वैक्सीन की दो-दो डोज मरीजों को दी जाएंगी। इन दोनों वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर सुरक्षित रखा जा सकेगा। डीसीजीआई के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन की ओवरऑल क्षमता 70.42 फीसदी थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया आभार
डीसीजीआई के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने मेहनतकश वैज्ञानिकों और आविष्कारकों को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उत्साही लड़ाई को मजबूत करने के लिए निर्णायक मोड़।
110 फीसदी सुरक्षित है वैक्सीन – वीजी सोमानी
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निदेशक वीजी सोमानी का कहना है कि हम कभी भी ऐसी वैक्सीन को मंजूरी नहीं देंगे, जिसमें थोड़ा-सी भी चिंता की बात हो। ये वैक्सीन 110 फीसदी सुरक्षित हैं। हल्का बुखार, दर्द और एलर्जी होना किसी भी वैक्सीन के लिए साइड इफेक्ट हो सकते हैं। लोगों को अगर ये लगता है कि वैक्सीन लगाने से वो नपुंसक हो जाएंगे तो ये एकदम बकवास बात है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने रविवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड आने वाले हफ्तों में तैयार हो जाएगी। अदार पूनावाला का ये बयान तब आया, जब डीसीजीआई ने कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी।
पूर्वाभ्यास में एक लाख ज्यादा वैक्सीनेटर प्रशिक्षित हुए
वहीं, कोरोना वैक्सीन के पूर्वाभ्यास को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई है। सरकार ने बताया कि इसके तहत देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 125 जिलों में के 286 स्थलों पर सत्र आयोजित किए गए। प्रशासन ने इस मॉक ड्रिल के तहत करीब 1,14,100 वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षित किया। वहीं अब तक 75 लाख से अधिक लाभार्थियों को को-विन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पंजीकृत किया गया है।
