स्पोट्र्स डेस्क (एजेंसी)। इंडियन प्रीमियर लीग में सही समय पर लय हासिल करने वाली सनराइजर्स हैदराबाद की टीम रविवार को जब टूर्नामेंट के दूसरे क्वालीफायर में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैदान पर उतरेगी तो उसका पलड़ा भारी होगा। इस मैच के विजाता का सामना 10 नवंबर को फाइनल में मुंबई इंडियंस से होगा। सनराइजर्स हैदराबाद के लिए पिछले चारों मुकाबले करो या मरो के थे, लेकिन टीम ने सभी में जीत दर्ज की तो वहीं शुरूआती मैचों में शानदार प्रदर्शन करने वाली दिल्ली कैपिटल्स की टीम टूर्नामेंट के आखिरी चरण तक पहुंचते-पहुंचते लय से भटक गई।
दिल्ली पहली बार तो हैदराबाद चौथी बार खेलेगी फाइनल
शुरूआती चरण में लचर प्रदर्शन करने वाली हैदराबाद की टीम की वापसी का श्रेय कप्तान डेविड वार्नर को जाता है, जिन्होंने अपने खिलाडिय़ों का शानदार इस्तेमाल किया। दूसरी तरफ शुरूआती नौ मैचों में सात जीत दर्ज करने वाले दिल्ली कैपिटल्स की पिछले छह मैचों में पांच हार से कप्तान श्रेयस अय्यर की योजनाओं को झटका लगा है। युवा कप्तान अय्यर टूर्नामेंट के 13वें सत्र में टीम को पहली बार फाइनल में ले जाना चाहेंगे तो वहीं वार्नर 2016 की सफलता को एक बार फिर से दोहराकर दूसरी बार टीम को चैंपियन बनाना चहेंगे। वार्नर अगर अगले दो मैचों में जीत दर्ज करने में सफल रहे तो टूर्नामेंट में सबसे कम अनुभव वाले खिलाडिय़ों के साथ जीत दर्ज करने का सेहरा उनके सिर बंधेगा।
शीर्ष क्रम दिल्ली की असल चिंता
शिखर धवन (15 मैचों में 525) ने कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन पिछले कुछ मैचों में बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। युवा पृथ्वी शॉ (13 मैचों से 228) की कमजोरियां बेहतर तेज गेंदबाजी के खिलाफ उजागर हो गई तो वहीं अनुभवी अजिंक्य रहाणे (7 मैचों में 111) ने अब तक केवल एक मैच में दमदार प्रदर्शन किया है। टीम के कोच रिकी पोंटिंग सलामी बल्लेबाजों के खाता खोले बगैर आउट होने से परेशान हैं। टूर्नामेंट में अब तब नौ बार ऐसा हो चुका है जिसमें धवन चार, शॉ तीन और रहाणे दो बार स्कोररों को परेशान किए बिना पवेलियन लौट गए। मुंबई इंडियंस के खिलाफ पहले क्वालीफायर मुकाबले को छोड़कर टीम के गेंदबाजों ने अब तब अच्छा प्रदर्शन किया है। कागिसो रबाडा (25 विकेट), एनरिक नॉट्र्जे (20) और रविचंद्रन अश्विन (13) ने अधिकांश मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है।
जीत के रथ पर सवार SRH
सनराइजर्स की बल्लेबाजी इकाई ने पिछले कुछ मैचों में लय हासिल की है, जिसे टीम के हरफनमौला जेसन होल्डर ने भी माना। होल्डर ने कहा, ‘हमने आक्रामक शुरूआत के साथ बल्लेबाजी में अच्छा किया है। जाहिर है वार्नर ने इसकी अगुवाई की जिनका ऋधिमान साहा ने अच्छा साथ दिया। जॉनी बेयरस्टो ने भी अच्छा किया और मनीष पांडेय ने लय बरकरार रखी। केन विलियमसन के रूप में टीम के पास शांत दिमाग वाला बल्लेबाज है। चोट के कारण साहा एलिमिनेटर मुकाबले में टीम का हिस्सा नहीं थे और क्वालीफायर में भी उनके खेलने की संभावना कम है। टूर्नामेंट के छह मैचों में 13 विकेट लेने वाले वेस्टइंडीज के इस कप्तान ने कहा, ‘हमें श्रीवत्स गोस्वामी पर भरोसा है । वह काफी समय से टीम के साथ है, उसका आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है। गेंदबाजी में सनराइजर्स के पास संदीप शर्मा, होल्डर, शाहबाज नदीम, टी नटराजन और राशिद खान जैसे फार्म में चल रहे गेंदबाज हैं। संदीप ने पावरप्ले में और नटराजन ने डैथ ओवरों में शानदार प्रदर्शन किया है। राशिद बीच के ओवरों में काफी किफायती साबित हुए हैं। टीम की एकमात्र कमजोर कड़ी मध्यक्रम की बल्लेबाजी है जहां प्रियम गर्ग और अब्दुल समद जैसे युवाओं को अपने करियर की सबसे बड़ी चुनौती से गुजरना होगा।