नई दिल्ली (एजेंसी)/ राफेल की मारक क्षमता, बाज की तरह दुश्मनों पर नजर और करीब 2130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार उसे दूसरे लड़ाकू विमानों से अलग बनाती है। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच ड्रैगन को काउंटर करने और हर मोर्चे पर दुश्मनों को मात देने के लिए भारत के पास अब राफेल नामक ‘बाहुबली’ की बड़ी ताकत मिल गई है। वैसे तो राफेल दुश्मनों को माकुल जवाब देने के लिए पहले से ही सक्षम है, मगर अब उसकी ताकत में और इजाफा होने वाला है। भारतीय राफेल जेट की क्षमता और बढ़ेगी क्योंकि अब जो भारत को राफेल मिलेगा, वह हैमर मिसाइल से लैस होगा। हैमर यानी कि हाइली एजाइल एंड मैनोवरेबल म्यूनिशन एक्टेंडेड रेंज (Hammer) हवा से जमीन पर मार करने वाली रॉकेट के जरिए चलने वाली मिसाइल किट है।
दरअसल, फ्रांस ने भारतीय लड़ाकू विमान राफेल को हवा से जमीन पर मार करने वाली ऑल वेदर मिसाइल हैमर से लैस करने पर सहमति व्यक्त की है। इससे पहले राफेल को हवा और जमीन दोनों जगहों पर अपने टारगेट को तबाह करने के लिए घातक MICA, Meteor और SCALP मिसाइलों से लैस किया गया है। हैमर से पहले राफेल में 300 किलोमीटर की रेंज वाली स्कल्प मिसाइल इसे सबसे ज्यादा मारक बनाती है। वहीं, Meteor एयर-टू-एयर मिसाइल का निशाना अचूक है और MICA दुश्मनों के मंसूबों को तोड़कर रख देती। अब जब राफेल को हैमर मिसाइल से लैस किया जाएगा तो अब हैमर के लैस होने से राफेल अजेय हो जाएगा। हैमर काफी खतरनाक हथियार है, जिसे जीपीएस की उपलब्धता के बिना भी बहुत ही कम दूरी से 70 किलोमीटर की बहुत लंबी रेंज से लॉन्च किया जा सकता है।
वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सितंबर 2020 में भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच हैमर कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए थे और इस महीने के अंत तक बड़ी संख्या में हथियारों को अंबाला में भारतीय वायु सेना स्टेशन के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को डिलीवर्ड किया जाएगा। भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग ऐसा है कि आम तौर पर हैमर हथियार को एक साल में भारतीय वायु सेना को डिलीवर किया जाना था, मगर फ्रांसीसी वायु सेना ने नई दिल्ली के तत्काल जरूरत को पूरा करने के लिए अपनी सूची में सीमित हथियारों के साथ भाग लेने का फैसला किया है।
हैमर हथियार का उपयोग कई टारगेट्स पर एक साथ हमले के लिए किया जा सकता है और इसके रख-रखाव की लागत भी कम है। डेटा लिंक क्षमता के साथ हैमर हथियार युद्ध जैसे वातावरण से अवगत है और टारगेट पर प्रहार करने के लिए पूरी तरह से फ्लेक्सीबल है। बता दें कि राफेल लड़ाकू वायुसेना की फ्रंटलाइ पर है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ चार बिंदुओं पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की आक्रामकता के कारण हाई अलर्ट पर है। फ्रांस से उड़ान भरने के बाद तीन राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप आज सीधे गुजरात के जामनगर एयरबेस पहुंची। देश को अभी तक दो खेपों में आठ राफेल लड़ाकू विमान मिले हैं। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि पांच राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंची थी। करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये का करार किया था।
राफेल की अन्य खासियतें
- राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है।
- राफेल की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है और इसकी मारक क्षमता 3700 किमी. तक है।
- राफेल में बहुत ऊंचाई वाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। लेह जैसी जगहों और काफी ठंडे मौसम में भी लड़ाकू विमान तेजी से काम कर सकता है।
- राफल 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी भी है।
- राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है।
- यह लड़ाकू विमान परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।
- यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।
- 150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल
- राफेल हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल है
- स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी है।
- राफेल अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने वाला लड़ाकू विमा है। इस जेट के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।