क्या आप जानते हैं कि पइस तरह हमेशा गुस्से में रहने से आपकी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। गुस्सा करने वाले लोगों को सिर दर्द, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का ख़तरा बढ़़ जाता है। ऐसे में गुस्से को काबू करने से आप खुद को इन बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। गुस्सा कंट्रोल करने का एक अच्छा और कारगर तरीका है । आप कुछ विशेष योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं जो मन को शांत करने, मूड को बेहतर बनाने और गुस्से को कम करने का काम करते हैं।
गुस्सा हर किसी को आता है, और लोग इसका प्रदर्शन भी करते हैं। लेकिन, कुछ लोगों कों बहुत अधिक गुस्सा आता है। ऐसे लोग ज़्यादातर समय गुस्से में ही रहते हैं और गुस्सा उनके स्वभाव का हिस्सा बन जाता है। गुस्सा आने के कई कारण हैं। दफ्तर में काम का बोझ, टारगट पूरा करने की चिंता, बॉस का गुस्सा, तो वहीं घर की आर्थिक ज़रूरतें पूरी ना कर पाने की हताशा, बच्चों और बूढ़़े माता-पिता की देखभाल सही से न कर पाने का अफसोस जैसी भावनाएं भी गुस्सा बढ़ाती हैं। इसके अलावा रोज़मर्रा के कामों में ट्रैफिक, रिक्शा वाले से छुट्टे के लिेए किच किच और नींद की कमी जैसे कारणों से भी गुस्सा बढ़ता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पइस तरह हमेशा गुस्से में रहने से आपकी सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। गुस्सा करने वाले लोगों को सिर दर्द, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का ख़तरा बढ़़ जाता है। ऐसे में गुस्से को काबू करने से आप खुद को इन बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। गुस्सा कंट्रोल करने का एक अच्छा और कारगर तरीका है। आप कुछ विशेष योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं जो मन को शांत करने, मूड को बेहतर बनाने और गुस्से को कम करने का काम करते हैं।
चक्रासन
यह योगासम हार्मोन्स इम्बैलेंस को व्यवस्थित करने के साथ आपको भावनात्मक स्तर पर मज़बूत भी बनाता है। यहां पढ़ें चक्रासन करने का तरीका।
चक्रासन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं। घुटने मोड़ें और एडिय़ों को नितंबों से स्पर्श कराते हुए पैरों को 10-12 इंच की दूरी पर रखें।
बांह उठाएं और कोहनियां मोड़ लें।
हथेलियों को कंधों के ऊपर सिर के निकट जमीन पर रख लें। सांस लें और धीरे-धीरे धड़ को उठाते हुए पीठ को मोड़ें।
धीरे से सिर को लटकता छोड़ दें एवं बांहों तथा पांवों को यथासंभव तान लें।
धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें। जब तक संभव हो सके इस मुद्रा को बनाए रखें।
इसके बाद शरीर को इस तरह नीचे करते हुए आरंभिक अवस्था में लौटें कि सिर जमीन पर ही टिका रहे।
शरीर के शेष भाग को नीचे लाएं। अब अपनी सुविधा के अनुसार, इसे दोहराएं।
मत्स्यासन
इस योगासन का रोज़ाना अभ्यास करने से शरीर दर्द और कमर दर्द से तो राहत मिलती ही है। साथ ही यह गुस्से को काबू करने में भी मदद करता है।
ये है मत्स्यासन के अभ्यास का तरीका
मस्त्यासन करने के लिए ज़मीन पर पीठ के बल लेटें। पैरों को सीधा रखें और एक-दूसरे से जोड़ दें।
अब, अपनी हथेलियों को शरीर से टिकाएं और हिप्स के नीचे ले जाते हुए वहां रख दें।
ध्यान रखें, आपकी दोनों हथेलियां ज़मीन पर होनी चाहिए
अब अपनी कोहनियों को कमर के पास ले आएं
अपने पैरों को मोड़ते हुए पालथी की मुद्रा में आएं
अपनी जांघें और घुटने ज़मीन पर सीधे और टिकाकर रखें
सांस अंदर लेते हुए चेस्ट को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
अपना सिर भी ऊपर उठाएं। लेकिन, इसके साथ ही सिर का ऊपरी हिस्सा फर्श पर टिकाए रखें।
अपनी सुविधा के अनुसार इस मुद्रा में बने रहें। फिर, पूर्व मुद्रा में आकर इसे दोहराएं।
इसके अलावा पद्मासन, बालासन और अधो मुखोसन और सुखासन का अभ्यास भी कर सकते हैं।





