कोच्चि। भारत, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और स्विटजरलैंड के वैज्ञानिकों ने पश्चिमी घाट से बोनी मछली की एक नई प्रजाति की खोज की है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम एनीगामाचैनिडे रखा है। इस अध्ययन का परिणाम नेचर पब्लिशिंग ग्रुप की ओपन-एक्सेस मेगा-जर्नल ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित किया गया हैं।
वैज्ञानिकों ने रहस्यमय गोलम स्नेकहेड की खोज के एक साल के बाद उत्तरी केरल के चावल के खेतों से एनिग्माचन्ना गोलम के कंकाल और आनुवांशिक संयोजन पर विस्तृत अध्ययन किया है। अध्ययन ने इस मान्यता को आगे बढ़ाया कि यह प्रजाति और इससे संबंधित एनिग्माचन्ना महाबली, चैनिडे से अलग एक नए परिवार का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिसमें दोनों प्रजातियों को शुरू में रखा गया था।
इस शोध दल में जर्मनी में ड्रेसडेन के सेनकेनबर्ग नेचुरल हिस्ट्री कलेक्शन, ब्रिटेन में लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, स्विट्जरलैंड में बर्न के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसइआर), पुणे, कन्नूर के निर्मलगिरी कॉलेज और कोचीन के केरल मत्स्य और महासागर अध्ययन संस्थान के वैज्ञानिक शामिल थे।




