दुर्ग। जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय करना है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेेश के लिए समय-सीमा वर्ष 2023 रखी गई है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के शत् प्रतिशत् परिवारों को कार्यरत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध एवं पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तायुक्त पेयजल प्रदाय करना है। जिले में जल जीवन मिशन के कार्यो का सुचारू रूप से संपादन हेतु कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है।
समिति के सदस्य सचिव कार्यपालन अभियंता, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड, दुर्ग है। इनके अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला वन मण्डल अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग, उप संचालक जन संपर्क विभाग, जिला कार्यक्रम अधिकाकरी महिला एवं बाल विकास विभाग, दुर्ग सदस्य के रूप में शामिल है।
जिले में कुल 385 ग्राम, 419 बसाहटे है। जिले की वर्तमान ग्रामीण परिवारों की संख्या 1,46,500 है, जिनमें से कुल 39,851 परिवारों को नलजल, स्थलजल एवं मिनीमाता योजना अंतर्गत घरेलू कनेक्शन प्रदाय किये जा चुके है। जिले में वर्तमान में कुल 149 नलजल योजना एवं 40 स्थलजल योजना संचालित है, किंतु ज्यादातर योजना अपने डिजाईन पीरियड पूर्ण कर चुकी है। अत: नये कनेक्शन देने हेतु पूर्व से संचालित योजना का रेट्रोफिटिंग अर्थात पुन: संयोजन किया जाना प्रस्तावित है। जिसके अंतर्गत पाईप लाईन विस्तार कार्य एवं टंकी निर्माण कार्य किया जावेगा एवं शत प्रतिशत परिवारों का घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किया जाएगा।

विकासखण्ड धमधा में कुल 23, विकासखण्ड दुर्ग में 03 एवं विकासखण्ड पाटन में 48 योजनाओं का रेट्रोफिटिंग किया जावेगा। जिन ग्रामों में नलजल अथवा स्थलजल योजना संचालित नहीं है, उन ग्रामों में पेयजल प्रदाय हेतु नई योजनाएं बनाई जा रही है। विकासखण्ड पाटन में 45 एवं विकासखण्ड धमधा 18 नई योजनाएं बनाई जा रही है। सतही स्त्रोत पर आधारित विभिन्न ग्रामों को सम्मिलित करते हुए समूह योजना बनाया जाना है। जिले में कुल 09 समूह योजना बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसके अंतर्गत कुल 248 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में विभाग के कार्यों को कराये जाने हेतु निविदा के माध्यम से ठेकेदारों से कार्य कराया जाता था, जिसमें निविदा लगाने से कार्यादेश जारी करने तक कुल एक से डेढ़ माह का समय लग जाता था। किंतु जल जीवन मिशन के अंतर्गत निविदा स्वीकृति एवं अन्य कार्यवाही में लगने वाले समय की बचत होगी। इस हेतु राज्य स्तर पर जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन हेतु विभिन्न कार्यो के लिए रूचि की अभिव्यक्ति के माध्यम से रेट आमंत्रित करने एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण के लिए दर आमंत्रित किए गए है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत विभाग में इमपेनल्ड ठेकेदारों को पात्र पाए जाने पर रेट कॉन्टेऊक्ट के माध्यम से कार्य आबंटित किया जावेगा, जिससे कि जल जीवन मिशन के कार्यों में गति आयेगी एवं प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को शत् प्रतिशत कार्यरत घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय करने का लक्ष्य भी पूर्ण हो सकेगा।




