नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कोरोना की स्थिति को लेकर जानकारियां दीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत में कोरोना वायरस महामारी से ठीक हो चुके मामलों की संख्या 51 लाख के पार हो चुकी है। मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि देशभर में अब तक सात करोड़ 30 लाख से ज्यादा कोरोना जांच हो चुकी हैं। पिछले सप्ताह 77.8 लाख जांच हुई हैं।
प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। भूषण ने कहा कि आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट से पता चला है कि बड़ी आबादी अभी भी कोविड-19 के प्रति संवेदनशील है और इसकी चपेट में आ सकती है। राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोविड-19 के चलते प्रति 10 लाख की आबादी पर होने वाली मौतों की संख्या भारत में सबसे कम है। भारत में यह संख्या 70 है जबकि दुनियाभर के लिए यह आंकड़ा 127 है। इसके अलावा ब्राजील में यह संख्या 665, ब्रिटेन में 618, अमेरिका में 614, फ्रांस में 483, दक्षिण अफ्रीका में 276 और रूस में 139 है।
हर 15 में से एक व्यक्ति के संक्रमित होने का अनुमान
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि संस्थान की ओर से कराए गए दूसरे सीरो सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2020 तक 10 साल की आयु से अधिक हर 15 व्यक्ति में से एक के कोविड-19 की चपेट में आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि हमें 5टी (टेस्ट, ट्रैक, ट्रेस, ट्रीट, टेक्नोलॉजी) की रणनीति पर ध्यान देना होगा। डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि आईसीएमआर के दूसरे सीरो सर्वे में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। इसके अनुसार शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में संक्रमण का खतरा कम है। शहरी झुग्गी-झोपडिय़ों में संक्रमण का खतरा गैर-झुग्गी वाले शहरी इलाकों की तुलना में दोगुना है। वहीं, इन ग्रामीण इलाकों की तुलना में इन क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा चार गुना है।
17 अगस्त से 22 सितंबर के बीच हुआ दूसरा सीरो सर्वे
दूसरा सीरो सर्वे 17 अगस्त से 22 सितंबर के बीच कराया गया था। यह सर्वे देश के 21 राज्यों के 70 जिलों के 700 गांवों या वार्डों में करवाया गया था। इसका उद्देश्य 10 साल या इससे अधिक आयु के लोगों मे कोरोना संक्रमण के प्रसार का अनुमान लगाना था। देश की बड़ी आबादी पर अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार है। भारत में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोविड-19 जांच की संख्या 50 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। सितंबर माह में कुल 2.97 करोड़ जांच की गई हैं। इससे पहले अगस्त में 2.39 करोड़, जुलाई में 1.05 करोड़, जून में 49.9 लाख, मई में 29.4 लाख जांच की गई थीं। अप्रैल में यह आंकड़ा 8.64 लाख तो मार्च में 30 हजार था।