स्तनपान करने वाले बच्चों को अलग से पानी पीने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि मां के दूध में ही 80 फीसदी से ज्यादा पानी होता है और इसी से शिशु को आवश्यक तरल पदार्थ मिल जाते हैं। वहीं, बोतल से दूध पीने पर फॉर्मूला मिल्क से शिशु का शरीर हाइड्रेट रहता है। ये तो सभी जानते हैं कि शिशु को ठोस आहार किस उम्र से खिलाना शुरू करना चाहिए। लेकिन बच्चों को पानी पिलाना कब शुरू करना चाहिए? इसके बारे में लोगों को स्पष्ट जानकारी नहीं है। शिशु की उम्र, भोजन की मात्रा और एक्टिविटीज पर निर्भर करता है कि बच्चों को कब और कितना पानी पिलाना है। विशेषज्ञों की मानें तो ठोस आहार शुरू करने तक बच्चे को पानी नहीं देना चाहिए। छह महीने के बच्चे को ठोस आहार देना शुरू किया जाता है। पानी पिलाना शुरू करने के लिए यह समय सही होता है। बच्चे को पानी पिलाने के कुछ समय बाद आप उसे सिपी कप दें क्योंकि कप से बच्चे ज्यादा पानी नहीं पीते हैं।
छह से 12 महीने के बच्चे के लिए पानी
छह महीने के बच्चे को जब मां के दूध या फॉर्मूला मिल्क के साथ बच्चे को रोज 118.294 मिली से ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा एक्टिव रहता है तो आप उसे कभी-कभी ज्यादा पानी पिला सकते हैं।
12 महीने से अधिक उम्र के बच्चे के लिए पानी
12वें महीने में शिशु को दिन में सोलह औंस कम दूध पीता है। इस समय तक आप बच्चे को नाश्ते, लंच और डिनर में अलग अलग चीजें खिला सकते हैं। दूध कम पीने, अलग अलग तरह के फूड खाने और ज्यादा एक्टिविटी करने की वजह से शिशु को अब पानी पीने की जरूरत भी ज्यादा ही होगी। यूनाइटेड स्टेटस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार, बच्चों को रोज लगभग 1.3 लीटर पानी की जरूरत होती है। इसमें दूध, फूड और अन्य स्रोतों से मिलने वाला पानी शामिल है।
छह महीने से पहले पानी क्यों न दें
इस समय शिशु के लिए संपूर्ण आहार मां का दूध ही होता है। इसके अलावा उन्हें किसी और चीज की जरूरत नहीं होती है। अगर आप शिशु को पानी भी पिलाते हैं, इससे हो सकता है कि वो दूध कम पिएं। इसके कारण बच्चों के सही विकास में बाधा आ सकती है। कम समय में ज्यादा पतला फॉर्मूला मिल्क देने या अधिक पानी देने की वजह से भी बच्चे की तबियत खराब हो सकती है।
बच्चों को उबला पानी दे सकते हैं
जी हां, बच्चों के लिए उबला हुआ पानी अच्छा होता है। पानी को उबालने से उसमें मौजूद कीटाणु नष्ट हो जाते हैं और संक्रमण का खतरा भी कम होता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार, बच्चों को साफ और फिल्टर्ड पानी ही पिलाना चाहिए। बच्चों को गंदा पानी पिलाने से उन्हें कई बीमारियों का खतरा हो सकता है, इसलिए बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चे को साफ पानी ही पिलाएं।