नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल मौजूद रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना वायरस से ठीक होने वाली मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और मृत्यु दर में कमी देखने को मिल रही है। मंत्रालय ने कहा कि देश के कुल सक्रिय मामलों के 62 फीसदी मामले पांच राज्यों में हैं।
मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस मरीजों के ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इसी लिए सक्रिय मामलों और रिकवर मामलों के बीच का अंतर भी बढ़ रहा है। आज देश में आठ लाख 83 हजार सक्रिय मामले हैं तो 33 लाख 23 हजार लोग ठीक हो चुके हैं। भूषण ने कहा कि देश में प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर 53 मौतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि जिन देशों से हमारी तुलना की जाती है वहां प्रति 10 लाख की जनसंख्या का आंकड़ा 500 से 600 तक है। उन्होंने कहा कि अगस्त में भारत में कोरोना मृत्यु दर 2.15 फीसदी थी जो अब 1.70 फीसदी रह गई है।
पांच राज्यों में 62 फीसदी मामले
राजेश भूषण ने कहा कि देश में पांच राज्य ऐसे हैं जिनमें देश के कुल सक्रिय मामलों के 62 फीसदी मामले हैं। देशभर के कुल सक्रिय मामलों में से महाराष्ट्र में 27 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 11 फीसदी, कर्नाटक में 10.98 फीसदी, उत्तर प्रदेश में लगभग सात फीसदी और तमिलनाडु में लगभग छह फीसदी मामले हैं। आईसीएमआर ने कहा कि किसी व्यक्ति को जांच ने नहीं डरना चाहिए। डॉ. भार्गव ने कहा कि वायरस से डरना है, जांच से नहीं डरना है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को और गंभीरता से लेना है। अभी तक देश भर में पांच करोड़ से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है।





