भिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में देश एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहा है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने खिलौनों और मोबाइल गेम्स के मामले में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। साथ ही उन्होंने कहा कि जितने भी वर्चुअल गेम्स हैं उनकी थीम्स बाहरी हैं। इसलिए मैं देश के युवा टैलंट से कहता हूं कि आप भारत के भी गेम्स बनाइए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 68वीं बार मन की बात कार्यक्रम में लोगों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में टॉय इंडस्ट्री को बड़ी भूमिका निभानी है। हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर्स यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। जैसे, कर्नाटक के रामनगरम में चन्नापटना, आंध्र प्रदेश के कृष्णा में कोंडापल्ली, तमिलनाडु में तंजौर, असम में धुबरी, उत्तर प्रदेश का वाराणसी- कई ऐसे स्थान हैं, कई नाम गिना सकते हैं। कोरोना के दौर में घर में रहते हुए उत्सव मनाए जा रहे हैं। लोग अपना और लोगों का ध्यान रखते हुए अपना काम कर रहे हैं। जिस तरह का संयम देखा जा रहा है, वह अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव ऑनलाइन मनाया जा रहा है। इको फ्रेंडली गणेश की प्रतिमा स्थापित हुई हैं।
देश की विकास यात्रा में शामिल हों सभी देशवासी
कुछ दिनों बाद पांच सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाएंगें। हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को अपनी जीवन यात्रा को देखते है तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है। पीएम मोदी ने कहा कि डॉग्स की आपदा प्रबंधन और रेस्क्यू मिशन में भी बहुत बड़ी भूमिका होती हैं। भारत में तो एनडीआरएफ ने ऐसे दर्जनों डॉग्स को स्पेशली ट्रेन किया है। कुछ दिन पहले बीड पुलिस अपने साथी डॉग रॉकी को पूरे सम्मान के साथ आखिरी विदाई दे रही थी। रॉकी ने 300 से ज्यादा केसों को सुलझाने में पुलिस की मदद की थी।

देश के युवाओं के सामने रखा गया इनोवेशन चैलेंज
भारतीयों के इनोवेशन और सॉल्यूशन देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है। इस महीने की शुरुआत में देश के युवाओं के सामने, एक एक इनोवेशन चैलेंज रखा गया। हो सकता है आप भी ऐसा कुछ बनाने के लिए प्रेरित हो जाएं। इनमें एक एप है, कुटुकी किड्स लर्निंग एप्लिकेशन ये बच्चों के लिए ऐसा इंटरेक्टिव एप है जिसमें गानों और कहानियों के जरिए बच्चे गणित, विज्ञान में बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसमें एक्टिविटिज भी हैं, खेल भी।
आत्मनिर्भर भारत में वर्चुअल गेम्स और टॉयज में सबको निभानी है अहम भूमिका
साथियों, इसी तरह, अब कंप्यूटर और स्मार्टफोन के इस जमाने में कंप्यूटर गेम्स का भी बहुत ट्रंड है। ये गेम्स बच्चे भी खेलते हैं, बड़े भी खेलते हैं। लेकिन, इनमें भी जितने गेम्स होते हैं, उनकी थीम्स भी अधिकतर बाहर की ही होती हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान में वर्चुअल गेम्स हों, टॉयज का सेक्टर हो, सभी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। 100 वर्ष पहले, गांधी जी ने लिखा था कि असहयोग आंदोलन, देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है।




