भिलाई। प्रीतांजलि सिंह तोमर को रीवा के अवधेशप्रताप सिंह विश्वविध्यालय द्वारा पी एच डी की उपाधि प्रदान की गई। उन्होंने रीवा के टीआरएस विधि महाविद्यालय से शोधार्थी के रूप में भारत में महिला उत्पीडऩ एवं इससे सम्बंधित विधियों का विश्लेषणात्मक अध्ययन विषय पर अपना शोध-प्रबंध डॉ. एस पी सिंह के निर्देशन में प्रस्तुत किया। वे विश्वविध्यालय की प्रथम शोधार्थी हैं जिन्होंने कोरोना संकट के कारण अपना शोधपत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किया।
प्रीतांजलि सिंह प्रारंभ से ही मेधावी छात्रा रही हैं। हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षायें प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने के पश्चात् , बी ए एलएल बी पंच वर्षीय समन्वयित पाठ्यक्रम उपाधि अवधेशप्रताप सिंह विश्वविध्यालय रीवा से ऑनर्स में प्राप्त की। स्नातकोत्तर की उपाधि एलएलएम, रीवा के ही शासकीय विधि महाविध्यालय से बिजनेस लॉ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके साथ ही इन्होंने इलाहाबाद की कृषि, तकनीकी एवम् विज्ञान , डीम्ड विश्वविध्यालय से कम्प्यूटर अप्लिकेशन में पत्रोपाधि भी प्राप्त की है।
शालेय छात्र जीवन में वे राज्य स्तरीय खो खो खिलाड़ी रही हैं। वे 2010 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत करती रही हैं। आल इंडिया बार काउंसिल की सफल प्रत्याशी और जबलपुर उच्च न्यायालय की नामित अधिवक्ता हैं। इनके पति प्रखर राज सिंह तोमर, वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ के बतौर विप्रो की ओर से अमेरिका में सेवाएं दे रहे हैं। प्रीतांजलि सिंह तोमर, डॉ. गोविन्द नारायण सिंह एवं सुमन सिंह की पुत्री तथा सरोज तोमर एवं दातार सिंह तोमर की पुत्रवधु हैं।