पटना (एजेंसी)। बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। बिहार सरकार के उद्योग मंत्री और पार्टी के दलित चेहरे श्याम रजक ने पार्टी छोडऩे का एलान कर दिया है। जानकारी के मुताबिक श्याम रजक पिछले कई दिनों से पार्टी में अपनी अवहेलना से परेशान थे।
राजद में वापसी को लेकर अटकलें तेज
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि श्याम रजक पार्टी छोडऩे के बाद फिर से अपने पुराने घर यानी राजद में वापसी कर सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि श्याम रजक सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष के पास जाकर पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा देंगे। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे जेडीयू के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।
राबड़ी सरकार में रह चुके हैं मंत्री
जब बिहार में राजद की सरकार थी तो श्याम रजक लालू के करीबी नेता माने जाते थे। वह बिहार की राबड़ी देवी सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके हैं।

नीतीश सरकार में भी हैं मंत्री
राजद की सत्ता जाने और पार्टी से से मोह भंग होने के बाद श्याम रजक 2009 में जेडीयू में शामिल हो गए थे। वो 2010 में जेडीयू के कोटे से विधायक और फिर मंत्री बने थे, लेकिन जब रजक 2015 में महागठबंधन से विधायक बने तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था।
बिहार में सियासी उठापटक की संभावना
विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, बिहार में सियासी उठापटक की संभावना बन रही है। एनडीए की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी शुक्रवार को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के संकेत दिए हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार देर रात पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव से मुलाकात की और दोनों के बीच चार घंटे तक बातचीत हुई। माना जा रहा है कि पासवान और पप्पू के बीच बिहार में थर्ड फ्रंट बनाने को लेकर चर्चा हुई है।
हालांकि, अगर दोनों ही नेता थर्ड फ्रंट को लेकर सहमत होते हैं, तो बिहार में सपा, बसपा समेत कई छोटे दलों को लेकर गठबंधन होने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसा होता है, तो बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
बताया जा रहा है कि लोजपा ने एनडीए सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का निर्णय वरिष्ठ जदयू नेता ललन सिंह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान करने का आरोप लगाने के बाद लिया है।