नई दिल्ली (एजेंसी)। देश में निजी ट्रेन संचालन के लिए बनाए जा रहे नए बिजनेस मॉडल को लेकर भारतीय रेल ने सख्ती दिखाई है। भारतीय रेलवे ने ऑपरेटर्स पर ट्रेन के जल्दी और देरी से आने पर पेनाल्टी लगाने का एलान किया है। रेलवे ने कहा कि अगर ट्रेन समय से पहले या देर से आएगी तो निजी ऑपरेटर्स को इसके लिए हर्जाने के तौर पर भारी रकम देनी होगी।
इसके अलावा रेलवे ने कहा कि वित्तीय संकट से बचने के लिए कम से कम सालाना 95 फीसदी समय की पाबंदी की गारंटी देनी होगी। हालांकि ये सरकार के साथ राजस्व बंटवारे के प्रबंध जैसा होगा लेकिन रेलवे निजी कंपनियों के कार्यालय में अपना एक प्रतिनिधि नियुक्त करेगा जिसका काम ये देखना होगा कि निजी कार्यालय में काम ईमानदारी से हो रही है या नहीं।
अगर वास्तव राजस्व, बताए गए राजस्व से एक फीसदी भी ज्यादा हुआ तो निजी कंपनी रेलवे को हर्जाने के तौर पर उस अंतर का दस गुना भुगतान करेगी। जब निजी कंपनियां देश में ट्रेन का संचालन करेंगी, तो उस समय ये कंपनियों को इन सख्य नियमों का पालन करना होगा, जिसमें इस तरह का हर्जाना भी शामिल है।
बुधवार को रेलवे ने तैयार किए गए ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया है। 95 फीसदी समय की पाबंदी में एक फीसदी सालाना कमी आने पर भी निजी ऑपरेटर्स को ट्रेन संचालन के 200 किमी के अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा। निजी ट्रेन के ये हर्जाना प्रति किलोमीटर 512 रुपये होगा।