न्यूयॉर्क (एजेंसी)। दुनियाभर में कोहराम मचाने वाली कोविड-19 आपदा को अमेरिकी दवा कंपनियों के अधिकारियों ने अवसर में बदल लिया। उन्होंने कंपनी के वैक्सीन बनाने की घोषणा से ठीक पहले शेयरों में हिस्सेदारी ली और बाजार में दाम चढऩे पर बेच दिया। इससे कुछ ही दिनों के भीतर 1 अरब डॉलर (7.5 हजार करोड़ रुपये) का तगड़ा मुनाफा कमाया। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, दक्षिणी सैन फ्रांसिस्को की छोटी सी दवा कंपनी वजार्ट ने 26 जून को एलान किया था कि जिस कोरोना वैक्सीन पर वह काम कर रही है, उसे अमेरिकी सरकार ने अपनी फ्लैगशिप योजना वार्प स्पीड में शामिल किया है।
इस खुलासे से ठीक पहले कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने इक्विटी शेयरों में हिस्सेदारी ली थी। जैसे ही यह खबर बाजार में आई, कंपनी के शेयर चढऩे शुरू हो गए और शीर्ष अधिकारियों के इक्विटी शेयरों का मूल्य छह गुना बढ़कर 20 करोड़ डॉलर पहुंच गया। वजार्ट के एक शेयर का मूल्य जनवरी में 30 सेंट था जो अप्रैल में 10 गुना बढ़कर 3.66 डॉलर पहुंच गया। यह दांव सिर्फ वजार्ट ही नहीं, 11 कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने चला था। इसमें अधिकतर कंपनियां बहुत छोटी हैं, जिनके लाभ-हानि का भविष्य भी नजर नहीं आ रहा था। लेकिन सरकार से मदद मिलने और वैक्सीन बनाने की दौड़ में शामिल होने की घोषणा से ठीक पहले शेयर खरीदकर इन अधिकारियों ने करीब 7.5 हजार करोड़ का मुनाफा कमा लिया।
आपदा में भी भर ली जेबें, वैक्सीन आई नहीं और 11 दवा कंपनियों के अधिकारियों ने कमा लिए 7.5 हजार करोड़




