नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत में एसबीआई सहित कई बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज लेकर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या को कब भारत को सौंपा जाएगा? इस सवाल के जवाब में ब्रिटेन ने कहा है कि इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं दी जा सकती है। भारत में नियुक्त ब्रिटिश उच्चायुक्त सर फिलिप बार्टन ने गुरुवार को कहा कि ब्रिटेन की सरकार भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं कर सकती है। हालांकि, यह भी कहा कि अपराधियों को राष्ट्रीय सीमा पार कर न्याय से बच कर नहीं भागने दिया जाएगा।
ऑनलाइन प्रेस वार्ता में जब उनसे यह पूछा गया कि क्या माल्या ने ब्रिटेन में शरण मांगी है, इस पर उच्चायुक्त ने कहा कि उनकी सरकार इस तरह के मुद्दों पर कभी टिप्पणी नहीं करती। बार्टन ने कहा, ‘ब्रिटेन की सरकार और अदालतें लोगों के दूसरे देश भागने से रोकने की अपनी भूमिका से बखूबी वाकिफ हैं। हम सभी किसी भी मामले में अपनी भूमिका को लेकर यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि राष्ट्रीय सीमाएं पार कर अपराधी न्याय के दायरे से नहीं बच निकलें।
उन्होंने कहा कि माल्या का प्रत्यर्पण एक जारी कानूनी मामला है और ब्रिटेन की सरकार का इस पर कोई नया निर्णय नहीं है। साथ ही, नवनियुक्त उच्चायुक्त ने यह भी कहा कि ब्रिटेन की सरकार इस बात से वाकिफ है कि यह मामला भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि पिछले महीने भारत ने कहा था कि उसने ब्रिटेन से अनुरोध किया है कि वह माल्या के शरण मांगने के किसी अनुरोध पर विचार नहीं करे क्योंकि इस देश में उसे प्रताडि़त किये जाने के लिये कोई आधार नहीं है। ब्रिटेन सरकार ने यह संकेत दिया था कि माल्या को निकट भविष्य में भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना बहुत कम है। यह भी कहा था कि एक कानूनी मुद्दा है, जिसे उसके प्रत्यर्पण की व्यवस्था किये जा सकने से पहले हल किये जाने की जरूरत है।
मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटिश उच्चतम न्यायालय में अपनी अपील में माल्या को नाकामी हाथ लगी थी। ब्रिटेन के शीर्ष न्यायालय का निर्णय 64 वर्षीय माल्या के लिये एक तगड़ा झटका था।
ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने यहां कहा कि पिछले महीने एक कानूनी मुद्दा था , जिसका हल माल्या के प्रत्यर्पण की व्यवस्था किए जा सकने से पहले किए जाने की जरूरत है। अधिकारी ने कहा, ‘ब्रिटेन के कानून के मुताबिक इस मुद्दे के हल होने तक प्रत्यर्पण नहीं किया जा सकता। यह मुद्दा गोपनीय है और हम इस बारे में और अधिक नहीं बता सकते। हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि इस मुद्दे का हल होने में कितन लंबा समय लगेगा। उल्लेखनीय है कि माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है।