नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिवर के लिए रेमडेसिविर दवा बेहद घातक साबित हो रही है। देश के अलग अलग अस्पतालों से ऐसी शिकायतें मिलने के बाद सरकार अब इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगाने का विचार कर रही है। हालांकि इससे पहले बीते शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड उपचार के दिशा निर्देशों में बदलाव करते हुए एक मरीज को 100 एमजी की डोज के छह इंजेक्शन ही देने की सलाह दी है।
पहले सात इंजेक्शन दिए जा रहे थे। इसके अलावा मंत्रालय ने मरीज को दवा दिए जाने के समय में भी कटौती की है। पहले लगातार छह दिन तक यह दवा दिए जाने का प्रावधान था जोकि अब घटकर पांच दिन कर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि रेमडेसिविर दवा के इस्तेमाल पर एक बार फिर से विचार किया जा रहा है। शुक्रवार को भी इसे लेकर एक बैठक हुई थी। देश के अलग अलग कई सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों से इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी मिली है। जिन मरीजों को यह दवा दी जा रही है उनमें अचानक से लिवर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों की मात्रा बढ़ रही है।
हालांकि अभी इस पर और जानकारी लेना बाकी है। चूंकि यह दवा अभी तक भारत में नहीं बनती है और न ही इससे पहले इसका ज्यादा इस्तेमाल होता था। गिलियाड कंपनी की इस दवा को भारत में बनाने के लिए कुछ कंपनियों ने करार किया है। इस दवा का इस्तेमाल केवल आपातकालीन स्थिति में ही किए जाने के दिशा निर्देश हैं।
जिन मरीजों को पहले से लिवर की दिक्कत है उन्हें यह दवा नहीं दी जा सकती है। यह दिशा निर्देशों में बाकायदा बताया गया है लेकिन कुछ मरीजों में दवा देने से पहले लिवर की दिक्कत न होने और बाद में अचानक से परेशानी बढऩे की शिकायतों को नजरदांज भी नहीं किया जा सकता है। इसलिए जल्द ही इसे लेकर आगामी नीति तैयार की जाएगी।