नई दिल्ली (एजेंसी)। मन की बात में रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन की हालिया हरकतों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत अगर मित्रता निभाना जानता है, तो आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाल ही में, दुनिया ने अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को देखा है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।
प्रधानमंत्री ने लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को याद किया। उन्होंने कहा कि लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पीएम ने कहा कि पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है। इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है।
हमारा प्रयास इस दिशा में होना चाहिए
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने। यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी। पीएम ने कहा कि जिन परिवारों ने सीमा पर लड़ते हुए अपने बेटों को खो दिया, वे अभी भी अपने अन्य बच्चों को रक्षा बलों में भेजना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे देशवासियों की भावना और बलिदान आदरणीय है।
श्हीदों के परिजन अपने दूसरे बेटों को भेजना चाहते हैं फौज में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में बिहार के शहीद कुंदन कुमार को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंंने अपने मन की बात में कहा है कि ‘जिनके बेटे शहीद हुए, वो माता-पिता अपने दूसरे बेटों को भी, घर के दूसरे बच्चों को भी सेना में भेजने की बात कह रहे हैं। बिहार के रहनेवाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी के शब्द तो कानों में गूंज रहे हैं। वो कह रहे थे, अपने पोतों को भी देश की रक्षा के लिए सेना में भेजूंगा। यही हौसला हर शहीद के परिवार का है। वास्तव में इन परिजनों का त्याग पूज्यनीय है।