भिलाई। मुस्लिम समुदाय अपने दिवंगत परिजनों को याद करने शब-ए-बराअत 9 अप्रैल गुरुवार को मनाएगा। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए और लॉक डाउन की परिस्थितियों के चलते पहले ही लोगों से इस मौके पर कब्रिस्तान नहीं आने की अपील शहर की कब्रिस्तान इंतेजामिया कमेटी कर चुकी है। इस बाबत कब्रिस्तान के मुख्य गेट पर सूचना भी लगा दी गई है।
इसके बाद अब ठीक एक दिन पहले इंतेजामियां कमेटी जरूरी तैयारियों में जुट गई है। कमेटी के लोग बुधवार को फूलों की चादर बनाने में व्यस्त रहे।कब्रिस्तान में लोगों के नहीं पहुंचने के विकल्प के तौर पर कमेटी के लोग अपनी तरफ से सभी कब्रों पर फूलों की चादर 9 अप्रैल को पेश करेंगे।
कमेटी ने इस मौके पर किसी तरह का भी तकरीरी या अन्य कार्यक्रम नहीं करने का फैसला लिया है। लोगों से घरों में इबादत करने अपील की गई है।
कमेटी के सदर शमशीर कुरैशी ने बताया कि चांद की तस्दीक के मुताबिक 9 अप्रैल को शब-ए-बराअत मनाई जानी है। लेकिन लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण के हालात के चलते शहर की तमाम मस्जिद कमेटियों की रजामंदी से यह फैसला लिया गया है कि कब्रिस्तान हैदरगंज कैम्प-1 भिलाई में किसी तरह का कोई कार्यक्रम नहीं होगा। उन्होंने अवाम से गुजारिश की है कि अपने-अपने घरों में नवाफिल नमाज अदा करें, तिलावत करें और आलमे इस्लाम के सभी मरहूमिनों के लिए मग्फिरत के साथ हमारे मुल्क हिंदुस्तान की हिफाजत की दुआएं करें। उन्होंने अपील की है कि कोई भी कब्रिस्तान न पहुंचे। कमेटी के लोगों ने अपनी ओर से सभी कब्रों में फूल पेश करने का भी फैसला लिया है। उन्होंने इस नाजुक मौके पर कब्रिस्तान में लोगों के आने-जाने पर रोक लगाए जाने के लिए अवाम से खेद जताते हुए अपील की है कि घर में ही दुआए खैर करें।