नई दिल्ली । कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि अक्षय ऊर्जा का उपयोग बढ़ने के साथ ही अगले 30-35 साल में कोयले का महत्व नहीं रहेगा। उन्होंने बुधवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान अधीर रंजन चौधरी, निशिकांत दुबे और सुदीप बंधोपाध्याय के पूरक प्रश्नों का उत्तर देकर यह टिप्पणी की। जोशी ने कहा कि कोयला खदान वाले सभी राज्यों से आग्रह है कि वे इस प्राकृतिक संपदा का सही से दोहन करने के लिए सहयोग करें क्योंकि देश के विकास में इसका काफी महत्व है। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा के दूसरे माध्यमों का जिस तरह से विस्तार हो रहा है उससे लगता है कि 30-35 वर्षों बाद कोयले का महत्व नहीं रह जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में ऊर्जा उत्पादन के लिए कोयले से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं। उन्होंने कहा कि झरिया में कोयला खदान के निकट के विस्थापित लोगों की मदद की जाएगी।
अगले 30-35 साल बाद कोयले का महत्व नहीं रह जाएगा: मंत्री
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