मुंबई। कोरोनावायरस का प्रकोप फैलने के कारण चीन के मूंगफली आयात में जोरदार तेजी आने के दो महीने बाद चीन से ऑर्डरों में रुकावट आ गई है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़े के मुताबिक अप्रैल और दिसंबर 2019 की अवधि में भारत का मूंगफली निर्यात आश्चर्यजनक रूप से 27 प्रतिशत बढ़कर 4,54,373 टन हो गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3,57,795 टन था। हालांकि मूल्य के हिसाब से वृद्धि दर 41.64 प्रतिशत के साथ 48.9 करोड़ डॉलर रही, जबकि पिछले साल यह 34.6 करोड़ डॉलर थी। निर्यात में ज्यादातर इजाफा नवंबर और दिसंबर 2019 की समयावधि के दौरान पिछले दो महीने में हुआ है। अमेरिका के साथ चीन के व्यापार युद्ध के बाद अमेरिका द्वारा चीन पर 25 प्रतिशत का भारी आयात शुल्क लगाने और दुनिया में अन्य आपूर्तिकर्ता देशों की अनुपस्थिति के कारण ऐसा हुआ है। निर्यातकों का कहना है कि अप्रैल से अक्टूबर के बीच हमने 2,00,000 टन से कम मूंगफली निर्यात किया था। मांग में अचानक इजाफे से हम चीन और मुख्य रूप से सुदूर पूर्वी देशों में, शेष विश्व को करीब 2,50,000 टन मूंगफली का निर्यात कर पाए हैं। अमेरिका और सेनेगल जैसे अन्य देशों से आपूर्ति में कमी के कारण ऐसा हो पाया। कोरोनावायरस के प्रसार के कारण चीन में काम बंद होने से एक बार फिर चीन से ऑर्डर नदारद हो गए हैं। हमें जनवरी से मार्च तिमाही के बीच मूंगफली निर्यात में भारी कमी के आसार लग रहे हैं। किसानों के लिए बड़ी राहत की बात यह है कि निर्यात में मंदी के बावजूद मूंगफली के दाम तेज रहे हैं। फरवरी की शुरुआत में मूंगफली के दाम गिरकर 57 रुपये प्रति किलोग्राम होने के बाद दामों में तेजी से सुधार हुआ है। जनवरी में दाम 59 रुपए प्रति किलोग्राम थे। फिलहाल दाम 60 रुपए प्रति किलोग्राम हैं।
कोरोना के प्रकोप से चीन को मूंगफली निर्यात में रुकावट
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