मुंबई । बीते साल अभिनेता रितिक रोशन की फिल्मों ‘सुपर 30’ और ‘वॉर’ ने बॉक्स ऑफिस पर रेकॉर्ड तोड़ कमाई की। इस लिहाज से देखें तो पिछला साल उनका शानदार रहा। रितिक फिल्मों के अलावा सामाजिक मुद्दों पर भी काफी ऐक्टिव रहते हैं। हाल ही में रितिक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक ऐसे मुद्दे पर दिल खोलकर लिखा जो किसी को भी प्रभावित कर सकता है। दरअसल, ऐक्टर ने एक विडियो देखा और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में उन्होंने लगातार हॉर्न बजाने की समस्या को कम करने के लिए मुंबई पुलिस द्वारा उठाए गए कदम की सराहना की। विडियो में बताया गया है कि मुंबई पुलिस ने किस तरह से हॉर्न बजाने की समस्या को कम करने के लिए एक व्यावहारिक रणनीति बनाई है। एक ट्रैफिक लाइट सिस्टम, जो कार के हॉर्न की आवाज 85 डीबी तक पहुंच जाने पर लाल बत्ती को रीसेट कर देता है, इसलिए पहल का नाम #होंक मोर वैट मोर रखा गया है।रितिक ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हमारे प्रोग्रामिंग में यह एक सांस्कृतिक कमी है जब बेवजह हॉर्न बजाने की बात आती है। यह शायद कुछ गलत मान्यताओं के संयोजन के कारण होता है। हमें लगता है कि ट्रैफिक में दूसरे लोग उतनी जल्दी में नहीं हैं, जितना हम हैं जो निश्चित रूप से गलत है। हम सभी चाहते हैं कि हम बाद में जाने की बजाए जल्द से जल्द वहां पहुंच जाएं। तो हम हॉर्न क्यों बजाते हैं? इसकी जरूरत नहीं है। रितिक ने आगे लिखा, ‘हम हॉर्न इसलिए भी बजाते हैं क्योंकि हम देख सकते हैं कि पैदल यात्री कभी भी नियमों का पालन नहीं करते हैं। यह सामान्य विश्वास प्रणाली बन जाती है क्योंकि हम कहीं न कहीं यह जानते हैं कि हम खुद सड़क और क्रॉस-सेक्शन को पार करते समय नियमों का पालन नहीं करते हैं और हम ध्वनि प्रदूषण के साथ इतने सहज हैं क्योंकि हम इसके आदी हैं जो वास्तव में दुखद है लेकिन आसानी से प्रतिवर्ती है। इसके अलावा हॉर्न बजाना हमारे सभी दैनिक चिड़चिड़ापन और गुस्से को बाहर निकालने का जरिया बन गया है जो हमें एक तरह की संतुष्टि देता है।हमें लगता है कि लगातार हॉर्न बजाने से ट्रैफिक तेजी से आगे बढ़ने लगेगा या फिर लाल बत्ती जल्दी से हरी हो जाएगी, ऐसा नहीं होगा।’
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