बेंगलुरु. आईटी कंपनी विप्रो के सीईओ और एमडी आबिदअली जेड नीमचवाला (52) इस्तीफा देंगे। विप्रो ने शुक्रवार को बताया कि नीमचवाला ने पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से इस्तीफे का फैसला किया। हालांकि, उनका विकल्प मिलने तक वे पद पर बने रहेंगे। कंपनी ने नए सीईओ-एमडी की तलाश शुरू कर दी है।
सीईओ के साथ एमडी पद की जिम्मेदारी पिछले साल मिली थी

नीमचवाला ने टीसीएस छोड़कर अप्रैल 2015 में विप्रो के ग्रुप प्रेसिडेंट और सीओओ के पद पर ज्वॉइन किया था। फरवरी 2016 में वे सीईओ बने थे। पिछले साल 31 जुलाई को सीईओ-एमडी बना दिए गए। उनका मौजूदा कार्यकाल अगले साल तक था। नीमचवाला इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट में आईआईटी बॉम्बे से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। एनआईटी रायपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन की थी।

दिसंबर तिमाही में विप्रो को मुनाफा 2% घटा
पिछली कुछ तिमाही में विप्रो की ग्रोथ धीमी रही है। दिसंबर तिमाही में मुनाफा 2.17% घटकर 2,455.9 करोड़ रुपए रहा। हालांकि, रेवेन्यू 2.7% बढ़कर 15,470.5 पहुंच गया। तिमाही नतीजों पर नीमचवाला ने कहा था कि मैक्रो-इकोनॉमिक स्थितियां कमजोर रहने की वजह से कंपनी के फाइनेंशियल सर्विसेज सेगमेंट की ग्रोथ प्रभावित हुई। हालांकि, उन्होंने भरोसा जताया कि कंपनी को नई डील मिलती रहेंगी। साथ ही वैश्विक राजनीति के जोखिमों की वजह से होने वाली अनिश्चितताओं को लेकर भी चिंता जताई थी।
नीमचवाला ने डिजिटल बिजनेस को दुनियाभर में बढ़ाया: विप्रो
विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने कहा ‘नीमचवाला के नेतृत्व और योगदान के लिए हम उनके आभारी हैं। पिछले चार साल में उन्होंने मजबूत फैसले लेने में मदद की, प्रमुख अधिग्रहण किए और डिजिटल बिजनेस को दुनियाभर में बढ़ाया।’ वहीं, नीमचवाला ने कहा ‘विप्रो ने बदलाव के दौर में काफी प्रगति की। कंपनी ने क्लाइंट पर फोकस करते हुए डिलीवरी प्रोसेस में सुधार किया। मैं अजीम प्रेमजी, रिशद प्रेमजी, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, साथियों और क्लाइंट्स के सपोर्ट के लिए उनका आभारी हूं।’