बलौदा बाजार. प्रदेश का सबसे कमाओ वभाग जिसके ऊपर खजाना भरने की जिम्मेदारी है और यह दायित्व कवासी लकमा को मिला है। एक तरफ से अपने बेतुके बयान के चर्चित हो जाते हैं दूसरी तरफ विभागीय अधिकारियों पर उनकी पकड़ नहीं है कभी उनके नाम पर ठगी हो जाती है तो कभी मंत्री को ही फर्जी लोग सीबीआई अधिकारी बनकर चमकाने लगते हैं यहां तक तो सहा जा सकता है किंतु जब विभाग के छोटे से लेके बड़े अधिकारी तक बिक्री राशि में घपला करने लगे तो यही माना जा सकता है कि मंत्री का ना तो अधिकारियों पर नियंत्रण है और ना ही नीतियों पर कवासी लकमा की यह हालत अबकारी के साथ उद्योग विभाग में भी है। बलौदा बाजार जिले में बिलाईगढ़ को छोड़ अन्य सभी स्थानों पर शराब देसी हो या विदेशी ़10 बिकता है। अधिकारी बेशर्मी से कहते हैं कि इसी ़10 में सबका मुंह बंद करना पड़ता है शराब बिक्री में क्लास टेन के अलावा चकना सेंटर का बाजार नियमों को ताक पर रखकर चल रहा है मीटर की बात क्या कहें शराब दुकान से चकना सेंटर की दूरी फिट में बदल गई है शाम को शराब दुकान बंद हो जाने के बाद चकना सेंटर ही दारू विक्री केंद्र बन जाते हैं। और पूरा राजस्व सरकारी खजाने का ना होकर व्यवस्था में बट जा रहा है जिन स्थानों पर ़ 10 में शराब बिकती है उनमें लवण, भाटापारा, हिर्मी, कसडोल, सिमगा, पलारी शामिल है कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि सब गोयल की कृपा है।
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