नईदिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पद के सृजन के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल किया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने सीडीएस पद को लेकर गलत कदम उठाया है. मनीष तिवारी ने ट्वीट किया- रक्षामंत्री के प्रधान सैन्य सलाहकार को नामित करने के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों की ओर से सरकार को दिये जाने वाले सैन्य सुझावों पर क्या असर होगा? क्या सीडीएस की सलाह संबंधित सेवा प्रमुखों की सलाह से ज्यादा अहमियत रखेगी?
तिवारी ने कहा, क्या रक्षा मंत्री को तीनों सेनाओं के मुखिया अपनी रिपोर्ट रक्षा सचिव या सीडीएस के माध्यम से देंगे? सवाल किया कि रक्षा सचिव की तुलना में सीडीएस की शक्तियां क्या होंगी? क्या नियम 11 के संदर्भ में रक्षा सचिव रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक प्रमुख बने रहेंगे? सैन्य मामलों के लिए प्रस्तावित विभाग के अधिकार क्या होंगे?
मनीष तिवारी ने कहा, क्या सीडीएस सेवा प्रमुखों के संबंध में तीनों सैन्य प्रतिष्ठानों और संगठनों से ऊपर रहेगा? सिविल सैन्य संबंधों पर सीडीएस की नियुक्ति के निहितार्थ क्या हैं?
बता दें कि पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को सोमवार को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया. सीडीएस का काम सेना, नौसेना और वायुसेना के कामकाज में बेहतर तालमेल लाना और देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करना होगा. सरकारी आदेश के मुताबिक सीडीएस के पद पर जनरल रावत की नियुक्ति 31 दिसंबर से प्रभावी होगी.
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