ShreeKanchanpathShreeKanchanpath
  • होम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • दुर्ग-भिलाई
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • स्पोर्ट्स
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • E-Paper
Reading: अम्बेडकर अस्पताल में दुर्लभ सेकेंडरी एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी का सफल, माँ और शिशु दोनों सुरक्षित
Share
Notification Show More
Latest News
Big News : छत्तीसगढ़ में 1,390 करोड़ रुपए से अधिक के चार नए मेडिकल कॉलेजों समेत छह निर्माण कार्यों को मंजूरी
October 22, 2025
देश के श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश अवसर, ‘श्रेष्ठ योजना’ हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर
October 22, 2025
आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत बालोद को मिला स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया अवार्ड
October 22, 2025
नियद नेल्ला नार योजना के ग्रामों के बीपीएल परिवारों को मिलेगी उज्ज्वला गैस कनेक्शन में प्राथमिकता
October 22, 2025
नियम तोड़ने वाले निजी चिकित्सा संस्थानों पर जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही, क्लीनिक-लैब सील, भारी जुर्माना
October 22, 2025
Aa
ShreeKanchanpathShreeKanchanpath
Aa
  • होम
  • छत्तीसगढ़
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • स्पोर्ट्स
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • E-Paper
Search
  • होम
  • छत्तीसगढ़
    • रायपुर
    • दुर्ग-भिलाई
  • देश
  • विदेश
  • राजनीति
  • व्यापार
  • स्पोर्ट्स
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • E-Paper
Follow US
© Copyright ShreeKanchanpath 2022 | All Rights Reserved | Made in India by Anurag Tiwari
Breaking NewsCG GovermentChhattisgarhFeaturedHealthRaipur

अम्बेडकर अस्पताल में दुर्लभ सेकेंडरी एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी का सफल, माँ और शिशु दोनों सुरक्षित

By Mohan Rao Published October 17, 2025
Share
डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन
SHARE

एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी डिलीवरी का छत्तीसगढ का पहला मामला, अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सकों ने कर दिखाया

रायपुर। पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल रायपुर के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की टीम ने अत्यंत दुर्लभ और जटिल परिस्थिति में 40 वर्षीय एक गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी कर माँ और शिशु दोनों को जीवनदान दिया। यह मामला सेकेंडरी एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी का है, जिसमें भ्रूण गर्भाशय में न होकर पेट (एब्डोमिनल कैविटी) में विकसित हो रहा था। डॉक्टरों के अनुसार यह मध्य भारत का पहला और दुनिया के अत्यंत दुर्लभ मामलों में से एक है।

इस गर्भावस्था के दौरान महिला इमर्जेंसी में चौथे महीने के मध्यरात्रि में अम्बेडकर अस्पताल रेफर होकर आई। स्त्री रोग विभाग ने गंभीरता समझ तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क किया और तुरंत एंजियोप्लास्टी हुई। अम्बेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में हुई इस प्रक्रिया में डॉक्टरों ने विशेष सावधानी बरती ताकि गर्भस्थ शिशु को कोई हानि न पहुँचे। महिला खून पतला करने की दवाओं पर भी थी, गर्भ सुरक्षित रहा।
यह गर्भावस्था के दौरान एंजियोप्लास्टी करने का पहला मामला था।

स्त्री प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति जायसवाल स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रुचि किशोर गुप्ता बताती हैं कि – गर्भावस्था के 37वें हफ्ते में महिला पुन: स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग आई और उसे तुरंत भर्ती किया गया। केस की गंभीरता को देखते हुए गायनी, सर्जरी, एनेस्थीसिया और कार्डियोलॉजी विभाग की संयुक्त टीम बनाई गई। ऑपरेशन के दौरान हमने पाया कि शिशु गर्भाशय में नहीं, बल्कि पेट में विकसित हो रहा था और आंवल कई अंगों से रक्त ले रही थी। टीम ने सुरक्षित रूप से शिशु को बाहर निकाला। साथ ही भारी रक्तस्राव की संभावना को रोकने के लिए सावधानीपूर्वक चिपकी प्लेसेंटा के साथ गर्भाशय को भी निकालना पड़ा। दोनों डॉक्टरों का कहना है कि इस केस पर विस्तृत अध्ययन कर इसे अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में प्रकाशित करने की तैयारी की जा रही है।

माँ और शिशु दोनों स्वस्थ
टीम के अथक प्रयासों से शिशु सकुशल पैदा हुआ और माँ भी पूरी तरह स्वस्थ है। महिला की डिलीवरी के बाद उसमें कोई जटिलता ना आए और उसका शिशु भी पूरी तरीके से स्वस्थ रहे इसके लिए हमने लगातार एक महीने तक महिला एवं शिशु को अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद अपने यहां फॉलोअप के लिए बुलाया। तब हमने इस केस के बारे में बाकी लोगों को जानकारी दी क्योंकि यह शिशु महिला के लिए “प्रेशियस चाइल्ड” है। उसकी कोई संतान नहीं थी। कई वर्ष पूर्व महिला को एक बच्चा हुआ था जो डाउन सिंड्रोम और हृदय रोग से ग्रस्त था और उसकी मृत्यु हो गई। अतः ऐसी महिला को मातृत्व सुख का एहसास कराना हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है।

पं. नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी एवं अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में मरीज जब अस्पताल आई, तब स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की टीम ने अद्भुत तत्परता और समर्पण के साथ उसका जीवन बचाया। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा ही इस कार्य में सभी टीमों ने आपसी सहयोग और समन्वय की मिसाल पेश की। यह सामूहिक प्रयास चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल परिवार की उत्कृष्ट कार्य संस्कृति को दर्शाता है। पूरी चिकित्सक टीम इस सफलता की हार्दिक बधाई की पात्र है। आशा है कि भविष्य में भी इसी एकजुटता और समर्पण के साथ संस्थान निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा।

विशेषज्ञों की राय
डॉ. ज्योति जायसवाल ने बताया कि सेकेंडरी एब्डोमिनल प्रेग्नेंसी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का वह रूप है, जिसमें भ्रूण पहले गर्भाशय/ट्यूब में ठहरता है और बाद में पेट के अंगों में जाकर विकसित होने लगता है। यह माँ के लिए अत्यंत खतरनाक स्थिति होती है और अधिकांशतः भ्रूण जीवित नही रहते। ऑपरेशन ही इसका एकमात्र समाधान है। ”सेकेंडरी” इसलिए कहा जाता है क्योंकि संभवतः भ्रूण पहले गर्भाशय/फैलोपियन ट्यूब में ठहरता है और प्रारम्भिक समय में ही वहां से हट कर पेट के अंगों (जैसे- आंत, लिवर, स्प्लीन या ओमेंटम या गर्भाशय की बाहरी सतह ) पर जाकर चिपक जाता है। यह माँ के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है, क्योंकि इसमें भारी रक्तस्राव और जटिलताओं का खतरा रहता है। माँ और शिशु की जान का पूरा जोखिम रहता है।

डॉक्टरों की टीम
इस ऑपरेशन में स्त्री रोग विभाग से डॉ. ज्योति जायसवाल, डॉ. रुचि किशोर गुप्ता, डॉ. सुमा एक्का , डाॅ. नीलम सिंह, डाॅ. रुमी, एनेस्थीसिया विभाग से डाॅ. शशांक, डाॅ. अमृता , जनरल सर्जरी विभाग से डॉ. अमित अग्रवाल (मल्टीडिसीप्लीन टीम) थी। ऑपरेशन के बाद भी मरीज के स्वास्थ्यलाभ के लिये स्त्री रोग विभाग, कार्डियोलॉजी विभाग और मेडिसिन विभाग से विशेषज्ञ शामिल रहे। मरीज एवं उनके परिवार ने भी डॉक्टर्स की टीम के प्रति अपना आभार प्रकट किया।

You Might Also Like

Big News : छत्तीसगढ़ में 1,390 करोड़ रुपए से अधिक के चार नए मेडिकल कॉलेजों समेत छह निर्माण कार्यों को मंजूरी

देश के श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश अवसर, ‘श्रेष्ठ योजना’ हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर

आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत बालोद को मिला स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया अवार्ड

नियद नेल्ला नार योजना के ग्रामों के बीपीएल परिवारों को मिलेगी उज्ज्वला गैस कनेक्शन में प्राथमिकता

नियम तोड़ने वाले निजी चिकित्सा संस्थानों पर जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही, क्लीनिक-लैब सील, भारी जुर्माना

Mohan Rao October 17, 2025
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link
Share
Previous Article shreekanchanpath 08 # 20 Oct 2025 shreekanchanpath 05 # 17 Oct 2025
Next Article गुजरात में मंत्रीमंडल का विस्तार : नए मंत्रियों ने ली शपथ, 19 नए चेहरों को मौका, क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा की पत्नी रिवाबा भी बनी मंत्री

Ro.No.-13481/162

× Popup Image
#kpnews #bhilai #mangal
Bhilai के Khursipar में Mangal को Rajesh,Ravindra ने Rangoli के लिए मIरI | Seemant Kashyap | KP News
Subscribe

Advertisement

Advertisement


You Might Also Like

Big News : छत्तीसगढ़ में 1,390 करोड़ रुपए से अधिक के चार नए मेडिकल कॉलेजों समेत छह निर्माण कार्यों को मंजूरी

October 22, 2025

देश के श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश अवसर, ‘श्रेष्ठ योजना’ हेतु आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर

October 22, 2025

आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत बालोद को मिला स्क्रीन फेलिसिटेशन अवार्ड, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया अवार्ड

October 22, 2025

नियद नेल्ला नार योजना के ग्रामों के बीपीएल परिवारों को मिलेगी उज्ज्वला गैस कनेक्शन में प्राथमिकता

October 22, 2025
Logo

छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

क्विक लिंक्स

  • होम
  • E-Paper
  • Crime
  • Durg-Bhilai
  • Education

Follow Us

हमारे बारे में

एडिटर : राजेश अग्रवाल
पता : शॉप नं.-12, आकाशगंगा, सुपेला, भिलाई, दुर्ग, छत्तीसगढ़ – 490023
मोबाइल : 9303289950
ई-मेल : shreekanchanpath2010@gmail.com

© Copyright ShreeKanchanpath 2022 | All Rights Reserved | Made in India by Anurag Tiwari

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?