शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त पहल से बनेगा नशा मुक्त भारत, स्कूलों व कॉलेजों में लागू होंगे TOFEI दिशा निर्देश
एमसीबी। भारत सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्रालय, उच्च शिक्षा मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से देशभर में तंबाकू और नशा मुक्त स्कूल-कॉलेज अभियान को सशक्त रूप से लागू करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्राप्त संयुक्त पत्र के अनुसार युवाओं में तंबाकू सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने तथा देश को तंबाकू मुक्त पीढ़ी की ओर अग्रसर करने के उद्देश्य से तंबाकू मुक्त युवा अभियान 3.0 (TFYC 3.0) का शुभारंभ विगत 9 अक्टूबर 2025 से किया गया है। यह अभियान बच्चों और युवाओं को तंबाकू एवं नशे के सेवन से दूर रखने, उन्हें शिक्षित और सशक्त बनाने तथा जो इसका सेवन छोड़ना चाहते हैं उन्हें सहयोग प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
तंबाकू सेवन: एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट
तंबाकू सेवन आज भारत में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो सिर, गर्दन, फेफड़ों और ग्रासनली के कैंसर सहित अनेक जानलेवा बीमारियों का प्रमुख कारण है। वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण 2019 के अनुसार 13 से 15 वर्ष की आयु के स्कूली बच्चों में तंबाकू सेवन की दर 8.4 पाई गई है। सर्वेक्षण से यह भी स्पष्ट हुआ कि तंबाकू सेवन प्रारंभ करने की औसत आयु सिगरेट के लिए 11.5 वर्ष, बीड़ी के लिए 10.5 वर्ष और धुआं रहित तंबाकू उत्पादों के लिए 9.9 वर्ष है। चिंताजनक तथ्य यह भी है कि लड़कियाँ लड़कों की तुलना में तंबाकू उत्पादों का सेवन पहले प्रारंभ कर रही हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े: युवाओं में बढ़ता जोखिम
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2022 में किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि 3.7 प्रतिशत छात्र वर्तमान में धूम्रपान करते हैं, जबकि 11 प्रतिशत छात्रों ने आत्महत्या के विचार प्रकट किए। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि युवाओं को एक स्वस्थ और नशामुक्त वातावरण प्रदान करना समय की मांग है। भारत सरकार ने तंबाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 की सफलता के बाद अब अभियान 3.0 की शुरुआत की है, जिसके तहत स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (TOFEI) के रूप में विकसित करने पर बल दिया गया है।

TOFEI दिशा निर्देश: शिक्षण संस्थानों के लिए नई जिम्मेदारी
इसके लिए नौ प्रमुख गतिविधियों के अनुपालन हेतु दिशा निर्देश और कार्यान्वयन मैनुअल जारी किए गए हैं, जिनका उद्देश्य शैक्षणिक परिसरों के भीतर एवं आसपास तंबाकू की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करना है। जिलों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी शैक्षणिक संस्थानों को TOFEI दिशानिर्देशों को लागू करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि हेतु प्रेरित करें। अभियान के अंतर्गत शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए प्रवर्तन अभियान आयोजित करना, युवाओं के बीच तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर व्यापक प्रचार-प्रसार, स्कूलों एवं कॉलेजों में एनएसएस और एनसीसी स्वयंसेवकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यशालाएँ, TOFEi अनुपालक संस्थानों के लिए सम्मान समारोह, विद्यालय परिसरों के चारों ओर 100 गज का तंबाकू मुक्त घेरा चिन्हित करना, छात्रों के लिए परामर्श सत्र और तंबाकू छोड़ने के लिए सहायता प्रदान करना जैसी गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी।
नवाचार और जनभागीदारी से बनेगा स्वस्थ भारत
इसके अतिरिक्त नवाचारी जागरूकता सामग्री तैयार करने हेतु प्रतियोगिताएँ, भारत सरकार की मौजूदा पहलों जैसे विश्व तंबाकू निषेध दिवस क्विज़ और MyGov प्लेटफॉर्म पर तंबाकू मुक्त पीढ़ी की ओर स्कूल चौलेंज में भागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विकसित शैक्षिक वीडियो राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के शैक्षणिक चैनलों, स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग संस्थानों और खेल केंद्रों में प्रसारित किए जाएँगे। अभियान की सफलता के लिए स्थानीय प्रशासन, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और स्वशासी संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी ताकि शैक्षणिक परिसरों की चारदीवारी के बाहर 100 गज के क्षेत्र को लाल रेखा खींचकर या बोर्ड लगाकर तंबाकू मुक्त क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया जा सके।
नशामुक्त पीढ़ी का संकल्प: युवाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा
साथ ही इस परिधि में स्थित दुकानों को किसी भी प्रकार के तंबाकू या मादक पदार्थों की बिक्री से प्रतिबंधित किया जाएगा। क्षेत्रीय ऑडियो-विजुअल माध्यमों और मनोरंजन चैनलों को भी निर्देशित किया गया है कि वे 60 दिनों की अभियान अवधि में युवाओं को तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर आधारित संदेशों और टेक्स्ट स्क्रॉल का प्रसारण करें। इस व्यापक अभियान का उद्देश्य केवल तंबाकू सेवन को हतोत्साहित करना ही नहीं बल्कि युवाओं के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण तैयार करना है। भारत सरकार का यह प्रयास तंबाकू मुक्त पीढ़ी के निर्माण और नशामुक्त भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।