रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कृषि क्षेत्र के लिए 35,440 करोड़ रुपये की दो बड़ी योजनाएं शुरू की। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइएआरआइ) के एक विशेष कार्यक्रम में पीएम मोदी ने पीएम धन धान्य कृषि योजना व दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की। पीएम धन धान्य कृषि योजना का परिव्यय 24,000 करोड़ रुपए है। वहीं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के लिए 11,440 करोड़ रुपए के व्यय का प्लान किया गया है। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने देशभर के किसानों को संबोधित किया। वहीं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और व प्रशासनिक अधिकारी वर्चअली कार्यक्रम से जुड़े। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी वर्चुअली इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
धन धान्य कृषि योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना है। दलहन में ‘आत्मनिर्भरता मिशन का लक्ष्य दालों की उत्पादकता में सुधार करना है। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने देशभर के 100 जिलों के चयन का जिक्र किया जहां धान व दलहन की उपज कम होती है। इन जिलों को इन दोनों योजनाओं से जोड़कर पैदावार बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया। योजना के तहत चयनित जिलो में छत्तीसगढ़ के तीन जिले दंतेवाड़ा, कोरबा व जशपुर को भी शामिल किया गया है। इन तीनों जिलों के किसानों को इन दोनों ही योजनाओं का लाभ मिलेगा।
योजना के पांच प्रमुख उद्देश्य
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना में 24,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के पांच मुख्य उद्धेश्य है। इसमें पहला है कृषि उत्पादकता को बढ़ाना, दूसरा है फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना, तीसरा पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल-उपरांत भंडारण क्षमता बढ़ाना, विश्वसनीय जल पहुंच के लिए सिंचाई बुनियादी ढांचे में सुधार करना और पांचवां उद्धेश्य है कि किसानों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कृषि ऋण तक अधिक पहुंच को सक्षम बनाना।

प्रधानमंत्री की कृषि क्षेत्र को हजारों करोड़ की सौगात
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत सरकार देश के 100 जिलों में कृषि उत्पादन को बढ़ाने, किसानों को कर्ज देने, सिंचाई और फसलों में विविधता और फसल प्रबंधन को बेहतर करने का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही पीएम मोदी ने दालों में मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छह वर्षीय मिशन योजना की भी शुरुआत की। यह योजना 11,440 करोड़ रुपये की है। करीब 3,650 करोड़ रुपए की लागत से कृषि आधारभूत ढांचा फंड योजना की शुरुआत की गई है। पशुपालन के लिए 17 विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए करीब 1166 करोड़ रुपए भी जारी किए गए हैं।
मतस्य पालन योजना और फुड प्रोसेसिंग उद्योग पर भी फोकस
पीएम मोदी ने मतस्य पालन योजना के लिए भी करीब 693 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। फूड प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए करीब 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को लोकप्रिय करने के लिए भी योजना चला रही है। विशेष कृषि कार्यक्रम में हिस्सा लेने से पहले पीएम मोदी ने विभिन्न किसानों से मुलाकात की और उनसे कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और इस क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों पर चर्चा की।
पिछली सरकारों ने किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया
कृषि योजनाओं के लॉन्च के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ‘आज 11 अक्टूबर का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज भारत माता के दो महान रत्नों की जयंती है जिन्होंने इतिहास रचा। भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और भारत रत्न नानाजी देशमुख, ये दोनों महान सपूत ग्रामीण भारत की आवाज थे, लोकतांत्रिक क्रांति के अग्रदूत थे। वे किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित थे। आज इस ऐतिहासिक दिन पर देश की आत्मनिर्भरता और किसानों के कल्याण के लिए दो महत्वपूर्ण नई योजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है।
सीएम साय ने जताया पीएम मोदी का आभार
कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। रायपुर के इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम साय ने कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी की सरकार किसानों की हितैशी सरकार है। इसी का परिणाम है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पीएम धन धान्य कृषि योजना व दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की। योजना के तहत कम उत्पादन वाले 100 जिलों का चयन स्वागत योग्य है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के तीन जिले दंतेवाड़ा, कोरबा व जशपुर का चयन किया गया। आने वाले दिनों में इन तीनों जिलों में इस योजना का लाभ दिखने लगेगा।