आदिवासियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है हमारी सरकार: कौशल
मुंगेली। भाजपा नेत्री एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ शासन की पूर्व सदस्य रत्नावली कौशल ने कहा है कि कुछ साल पहले तक जो बस्तर लाल आतंक के साये में जी रहा था, जहां की धरती पर खून से मौतों की इबारत लिखी जाती थी, आज उस बस्तर की धरती पर हमारे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय अपने श्रम, लगन और पसीने से विकास की इबारत लिख रहे हैं। साय सरकार की नई और शानदार उद्योग नीति बस्तर के विकास का नया सूर्योदय लेकर आई है। अब बस्तर भी विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत का सहचर बन सकेगा।
भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने यह बातें बस्तर कनेक्ट कार्यक्रम के संदर्भ में कही हैं। उन्होंने कहा है कि आदिवासी स्वार्थी नहीं होते, वे परोपकार, जनसेवा, परहित और धरती माता की सेवा करने पर विश्वास रखते हैं। हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी सच्चे मन से अपना आदिवासी- धर्म निभाते हुए छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में रत हैं। सुश्री कौशल ने कहा कि जिस बस्तर को अति पिछड़ा क्षेत्र और नक्सल समस्या से ग्रसित माना जाता था, आज वही बस्तर विकास पथ पर सरपट दौड़ रहा है। बिजली, पेयजल, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, खेल गतिविधियां हो या कोई अन्य मुद्दा, किसी भी मामले में बस्तर राज्य के दूसरे प्रगतिशील संभागों से पीछे नहीं रह गया है। यह साय के सुशासन का कमाल है। रत्नावली कौशल ने कहा कि साय सरकार की नई पारदर्शी उद्योग नीति बस्तर के लिए वरदान साबित हो रही है। बस्तर अब निवेश, अवसर और रोजगार का नया केंद्र बन रहा है। यहां उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यटन में समावेशी विकास की गूंज सुनाई दे रही है। यह बदलाव न केवल बस्तर की तस्वीर बदल रहा है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य की गाथा भी लिख रहा है। सुश्री कौशल ने कहा कि बस्तर के विकास को गति देने के लिए मोदी जी की सरकार ने 5 हजार 200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें 3,513.11 करोड़ की रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन और कोत्तवलसा- किरंदुल रेल लाइन के दोहरीकरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। ये परियोजनाएं न केवल बस्तर में यात्रा, पर्यटन और व्यापार को नई दिशा देंगी, बल्कि युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजग़ार और औद्योगिक अवसर भी सृजित करेंगी। बेहतर रेल कनेक्टिविटी से नक्सलवाद के उन्मूलन में भी तेजी आएगी। बस्तर में 2300 करोड़ की सड़क विकास परियोजनाएं भी स्वीकृत की गई हैं। बस्तर संभाग अब छत्तीसगढ़ केद्ब सबसे विकसित और समृद्ध क्षेत्रों में से एक बनने की राह पर अग्रसर है। रत्नावली ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें मिलकर धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर मार्ग का एक वैकल्पिक रास्ता बना रही हैं, जो कांकेर, अंतागढ़, नारायणपुर के अबूझमाड़ होते हुए दंतेवाड़ा के बारसूर और आगे बीजापुर तक पहुंचेगा। इन परियोजनाओं से बस्तर के सभी जिलों तक पहुंचने के लिए कई रास्ते उपलब्ध होंगे। बस्तर अब संघर्ष की भूमि से आगे बढ़कर संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक बन रहा है।
बस्तर को मोदी और साय की सौगातें
भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा कि बस्तर में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम द्वारा विशाल इस्पात संयंत्र तो स्थापित किया ही गया है, अब 43 हजार करोड़ तथा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल हेतु 200 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। ये निवेश बस्तर की आधारभूत संरचना को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। बड़े सार्वजनिक निवेशों के साथ-साथ लगभग 1,000 करोड़ का निजी निवेश भी सेवा क्षेत्र और एमएसएमई में किया जा रहा है। यह विकास रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।350 बेड का मल्टी स्पेशियलिटी निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित होने जा रहा है। 550 करोड़ रुपये के निवेश और 200 रोजगार अवसरों के साथ यह परियोजना बस्तर की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई देगी और इसे मेडिकल शिक्षा का केंद्र बनाएगी। इसके अतिरिक्त, जगदलपुर में 33 करोड़ रुपये के निवेश से एक और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल तथा नवभारत इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज द्वारा 85 करोड़ रुपये के निवेश से 200 बेड का मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल स्थापित किया जाएगा। ये पहल न केवल आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करेंगी, बल्कि सैकड़ों युवाओं को रोजगार भी प्रदान करेंगी। रत्नावली कौशल ने कहा कि बस्तर के बीजापुर, नारायणपुर, बस्तर और कोंडागांव में आधुनिक राइस मिलें और फूड प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। नारायणपुर जिले में पाश्र्वा एग्रीटेक प्रतिवर्ष 2,400 टन परबॉयल्ड चावल का उत्पादन करेगी। 8 करोड़ रुपये के निवेश और नए रोजगार के साथ यह परियोजना बस्तर की कृषि उपज को वैल्यू एडिशन आधार देगी। स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, पर्यटन, निर्माण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में यह निवेश बस्तर के समग्र विकास में मील के पत्थर साबित होंगे।

आत्मसमर्पित नक्सलियों को नई राह
भाजपा नेत्री रत्नावली कौशल ने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए साय सरकार द्वारा बनाई गई नई पुनर्वास नीति समर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने का बड़ा अवसर दे रही है। इसमें तीन वर्षों तक 10 हजार रुपए की मासिक सहायता, शहरी क्षेत्रों में 4 डिसमिल प्लॉट या ग्रामीण क्षेत्रों में एक हेक्टेयर जमीन दी जाएगी। साथ ही व्यावसायिक प्रशिक्षण, पूर्ण इनामी राशि और सामूहिक आत्मसमर्पण पर दुगुना इनाम तथा नक्सल-मुक्त गांवों के लिए 1 करोड़ तक की विकास योजनाएं स्वीकृत की जा रही हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आत्म समर्पित नक्सली परिवारों को 15 हजार आवास मंजूर किए गए हैं। इसी तरह राज्य सरकार ने तेंदूपत्ता खरीदी दर को 4,000 रुपए से बढ़ाकर 5,500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया है। इससे बस्तर के 52 लाख संग्राहक सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।