रायपुर। छत्तीसगढ़ में उर्वरक वितरण में अनियमितता व बिना अनुज्ञा विक्री को लेकर शासन प्रशासन सख्त हो गया है। प्रदेश के सभी जिलों में इसे लेकर कार्रवाई जारी है। बीजापुर में उर्वरक वितरण में अनियमितता की शिकायत पर जांच की गई और दो दिन में व्यवस्था सुधार के निर्देश जारी किए गए। वहीं राजनांदगांव में बिना अनुज्ञप्ति व अनियमित बिक्री पर 7 उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई तथा कई उर्वरक केन्द्र सील कर अनुज्ञप्ति निलंबित की गई है।
उर्वरक वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग बीजापुर की निरीक्षण टीम ने विभिन्न आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित (लैम्प्स) एवं निजी कृषि सेवा केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान भौतिक स्टॉक और पीओएस मशीन में दर्ज आंकड़ों के बीच असंगतियाँ पाई गईं। विभाग ने सभी लैम्प्स प्रबंधकों और निजी विक्रेताओं को दो दिनों के भीतर स्टॉक विवरण को पीओएस मशीन में सही ढंग से दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित समय में अनुपालन न करने पर संबंधितों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
निरीक्षण के दौरान जिले के गंगालूर लैम्प्स में 10.740 टन, आवापल्ली में 33.20 टन, इलमिडी में 195.79 टन, चिलकापल्ली में 66.30 टन, बासागुड़ा में 107.735 टन, बीजापुर स्थित धुरवा कृषि केंद्र में 13.900 टन तथा आवापल्ली स्थित बालाजी कृषि केंद्र में 1.05 टन उर्वरक का स्टॉक दर्ज किया गया। कुल मिलाकर 428.715 टन उर्वरक वितरण की जांच की गई, जिसमें स्टॉक और पीओएस मशीन प्रविष्टियों में अंतर सामने आया। जिले में की गई इस कार्रवाई के तहत लैम्प्स प्रबंधकों और विक्रेताओं को वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाने और अनुशासनात्मक ढंग से कार्य करने पर जोर दिया गया। निरीक्षण दल में सहायक संचालक कृषि श्री कृष्ण कुमार सिन्हा, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री सी.पी. देवांगन तथा कृषि विकास अधिकारी श्री वी.एस. कुमार शामिल थे। यह कार्रवाई उप संचालक कृषि बीजापुर के निर्देश पर की गई।

राजनांदगांव में कलेक्टर की सख्ती
कृषि विभाग द्वारा जिले के निजी उर्वरक विक्रेताओं के परिसरों में किए गए आकस्मिक निरीक्षण में गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं। बिना अनुज्ञप्ति के व्यवसाय करने वाले दादाजी एग्री क्लिनिक, राजनांदगांव का परिसर सील कर दिया गया। डोंगरगांव में सिन्हा कृषि केन्द्र की अनुज्ञप्ति निलंबित कर दी गई तथा शीतल कृषि केन्द्र को नोटिस जारी किया गया। इसी प्रकार आर्शीवाद एग्रो, कबीर कृषि केन्द्र (सहसपुर दल्ली) एवं सिद्धकी कुरैशी कृषि केन्द्र (छुरिया) में पंजी संधारण और मूल्य सूची प्रदर्शित न करने पर 21 दिवस के लिए अनुज्ञप्ति निलंबित की गई है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशानुसार खरीफ सीजन में किसानों को उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग द्वारा लगातार निरीक्षण एवं स्टॉक सत्यापन किया जा रहा है। उप संचालक कृषि श्री टीकम सिंह ठाकुर ने सभी अनुज्ञप्तिधारी विक्रेताओं से शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही उर्वरक विक्रय करने एवं पीओएस मशीन के माध्यम से अनिवार्य परिचालन व रिकार्ड संधारण करने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतों एवं निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।