रायपुर। स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के 25 पुलिसकर्मियों के नाम गैलेंट्री मेडल (जीएम), प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस (पीएसएम) और मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस (एमएसएम) के लिए घोषित किए हैं। यह सम्मान आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने और वामपंथी उग्रवाद से निपटने में राज्य की अहम भूमिका को रेखांकित करता है।
बता दें गृह मंत्रालय ने 1,090 पुलिस, अग्निशमन, होम गार्ड, सिविल डिफेंस और सुधार सेवा के कर्मियों को वीरता और सेवा पदक देने की घोषणा की है। यह सम्मान उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने देश की सेवा में बहादुरी और समर्पण का परिचय दिया है। इनमें छत्तीसगढ़ के 25 पुलिस कर्मियों के नाम भी शामिल हैं। 14 गैलेंट्री मेडल, एक प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस और 10 मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस के साथ छत्तीसगढ़ पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के सम्मानों में शानदार प्रदर्शन किया है। ये घोषणाएं राज्य के पुलिसकर्मियों के साहस, नेतृत्व और समर्पण को सलाम करती हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा में छत्तीसगढ़ की अहम भूमिका को रेखांकित करती हैं।
गैलेंट्री मेडल (GM)
असाधारण साहस और उत्कृष्ट परिचालन क्षमता के लिए छत्तीसगढ़ के 14 पुलिसकर्मियों के नाम गैलेंट्री मेडल के लिए घोषित किए गए हैं। इनमें आईपीएस अधिकारी सुनील शर्मा (पुलिस अधीक्षक), संदीप कुमार मडिले (उप निरीक्षक) और आरक्षक मदकम पांडु, मदकम हदमा, मदकम देव, बरसे हुंगा, रोशन गुप्ता सहित अन्य शामिल हैं। तीन पुलिसकर्मियों – स्वर्गीय रामुराम नाग (सहायक उप निरीक्षक), स्वर्गीय कुंजाम जोगा (आरक्षक) और स्वर्गीय वंजाम भीमा (आरक्षक) – को कर्तव्य-पालन के दौरान सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत सम्मानित किया गया है। ये घोषणाएं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में राज्य पुलिस के जोखिमपूर्ण अभियानों और अदम्य साहस को दर्शाती हैं।
प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस (PSM)
लंबे समय तक उच्च कोटि की उत्कृष्ट सेवा के लिए छत्तीसगढ़ के एक अधिकारी का नाम पीएसएम सूची में शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ के निदेशक हिमांशु गुप्ता को उनके नेतृत्व, पेशेवर ईमानदारी और राज्य में पुलिसिंग व जनसुरक्षा में निरंतर योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस (MSM)
लगन, अनुकरणीय सेवा और निरंतर योगदान के लिए छत्तीसगढ़ के 10 पुलिसकर्मियों को एमएसएम के लिए चुना गया है। इनमें पुलिस महानिरीक्षक ध्रुव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार ठाकुर, कमांडेंट श्वेता राजमणि, पुलिस अधीक्षक रवी कुमार कुर्रे, निरीक्षक (एमआईएन) कौशल्या भट्ट, सहायक पुलिस महानिरीक्षक रोहित कुमार झा, निरीक्षक (एमआईएन) कमलेश कुमार मिश्रा, प्लाटून कमांडर दल सिंह नामदेव, कंपनी कमांडर दिलीप कुमार साहू और सहायक उप निरीक्षक सुशील कुमार बरुआ शामिल हैं। इनका योगदान अभियान संचालन, प्रशासनिक दक्षता और सामुदायिक पुलिसिंग के क्षेत्रों में रहा है।
