बीजापुर। सड़क घोटाला उजागर करने पर पत्रकार की हत्या के मामले में पुलिस ने सात महीने बाद पीडब्ल्यूडी के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो ईई एक वर्तमान ईई, एक एसडीओ और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं।
बता दें 73.08 करोड़ की लागत से मंजूर हुई यह सड़क बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कनेक्टिविटी का जरिया बननी थी। मगर निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार ने सड़क की हालत शुरू से ही खस्ता कर दी थी। पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने इस मामले को जोर शोर से उठाया जिससे ठेकेदार और संबंधित विभागों की नींद उड़ गई। इसके बाद युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई। तीन जनवरी को उनका शव बीजापुर के चट्टानपारा इलाके में सुरेश चंद्राकर के एक निर्माणाधीन परिसर के सेप्टिक टैंक से मिला था।
इस मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों सुरेश चंद्राकर, उनके दो भाई और एक सुपरवाइज़र को जेल भेज चुकी है। घटना की जांच के बाद सड़क निर्माण में घपले के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ है। पांचों अफसरों को रिमांड पर लिया गया है। विशेष जांच दल एसआईटी की 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट कॉल डाटा, रिकार्ड्स, सीसीटीवी फुटेज व 72 गवाहों के बयानों के आधार यह चार्जसीट तैयार की गई थी।





